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शुभम जायसवाल

श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):- स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर में मंगलवार को भारत के महान विभूतियों महामना मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती बड़े हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्रधानाचार्य रविकांत पाठक, आचार्य प्रदीप कुमार गुप्ता एवं शिक्षिका प्रियवंदा ने संयुक्त रूप से भारत माता, ओम, मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलन और मालवीय जी व वाजपेयी जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके की गई।

विद्यालय के प्रधानाचार्य रविकांत पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन हमें शिक्षा, सत्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति का संदेश देता है। हमें उनके आदर्शों को अपनाकर देश की उन्नति में योगदान देना चाहिए।

प्रधानाचार्य रविकांत पाठक ने कहा कि ये दोनों महान विभूतियां हम लोगों के लिए गौरव और प्रेरणा श्रोत रहेंगे। आचार्या प्रियंवदा ने कहा कि मदन मोहन मालवीय काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक थे, उन्होंने लोगों से दान मांगकर इस विश्वविद्यालय की स्थापना की। मदन मोहन मालवीय जी ने शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान दिया, वह सदैव प्रेरणादायक रहेगा। वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपने नेतृत्व और काव्य प्रतिभा से राष्ट्र को नई दिशा दी।

आचार्य प्रदीप कुमार गुप्ता ने अटल जी भारतीय राजनीति के ऐसे विराट व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपनी वाणी, विचार और कर्म से देश के दिलों पर राज किया।

अटल बिहारी वाजपेयी न केवल एक कुशल राजनीतिज्ञ थे, बल्कि वे एक प्रखर वक्ता, ओजस्वी कवि और दूरदर्शी नेता भी थे। तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल जी ने अपने कार्यकाल में सड़क विकास परियोजना (स्वर्णिम चतुर्भुज योजना), परमाणु परीक्षण (पोखरण-2) और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की मजबूत छवि स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।

अटल जी की कविता “हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा” आज भी हर भारतीय को प्रेरणा देती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी आचार्य-दीदी जी एवं भैया-बहनों की प्रमुख भूमिका रही।