झारखंड वार्ता
पलामू। मेदिनीनगर में झारखंड का पहला मॉडल केंद्रीय कारा बनने जा रहा है। इसके लिए नगर निगम क्षेत्र के बाहरी हिस्से में लगभग 50 एकड़ सरकारी जमीन चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नए कारा में दो हजार से अधिक कैदियों को रखने की सुविधा होगी।
मौजूदा मेदिनीनगर केंद्रीय कारा ऐतिहासिक है। इसे अंग्रेजी हुकूमत ने 1892 में स्थापित किया था और बाद में 2017-18 में इसे केंद्रीय कारा में उत्क्रमित किया गया। वर्तमान में इसकी क्षमता लगभग 700 कैदियों की है, जबकि यहां 900 से अधिक सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदी बंद हैं।
कैदियों की संख्या घटाने के उपाय
मौजूदा केंद्रीय कारा में कैदियों की संख्या कम करने के लिए 200 कैदियों को चरणबद्ध तरीके से हजारीबाग स्थित जेपी केंद्रीय कारा में शिफ्ट करने की योजना है।
वर्तमान कारा का विस्तार
नए कारा निर्माण में समय लगेगा, इसलिए फिलहाल मौजूदा केंद्रीय कारा का विस्तार किया जाएगा। इसके तहत 400 सामान्य बैरक और 20 विशेष बैरक बनाए जाएंगे। विशेष बैरकों में कुख्यात अपराधियों को रखा जाएगा। भवन निर्माण प्रमंडल को 420 कैदियों की क्षमता वाले बैरक निर्माण का एस्टीमेट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। एस्टीमेट मिलने के बाद इसे सरकार को प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
हुसैनाबाद में भी नया कारा
राज्य सरकार ने पलामू जिले के हुसैनाबाद अनुमंडल में 20 एकड़ जमीन पर नया केंद्रीय कारा बनाने का निर्णय लिया है। इसके निर्माण के बाद हुसैनाबाद अनुमंडल के कैदी वहीं रहेंगे, जिससे मेदिनीनगर केंद्रीय कारा पर बोझ कम होगा।
मेदिनीनगर केंद्रीय कारा अधीक्षक भागीरथ करजी ने बताया कि मेदिनीनगर में नया मॉडल केंद्रीय कारा बनाया जाएगा। वहीं मौजूदा कारा का विस्तार भी किया जा रहा है। विस्तार के तहत 400 सामान्य बैरक और 20 विशेष बैरक बनाए जाएंगे, जिनमें विशेष रूप से कुख्यात कैदियों को रखा जाएगा।
पलामू में बनेगा झारखंड का पहला मॉडल केंद्रीय कारा, 2000 से ज्यादा कैदियों की होगी क्षमता

