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रांची: 6 साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले में आरोपी राहत शेख को झारखंड हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। मामले में राजमहल की पॉक्सो कोर्ट ने मार्च 2015 को आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन हाई कोर्ट ने पाया कि आरोपी के खिलाफ अपराध में संलिप्तता के सबूत नहीं हैं।

यह वारदात साहिबगंज जिले के राजमहल में 4 मार्च, 2015 को हुई थी। छह साल की बच्ची का शव शिमला बहाल पोखर मैदान के पास पाया गया था। बच्ची के परिजनों की शिकायत पर राहत शेख नामक शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर के मुताबिक राहत शेख उस रोज शाम बच्ची को अपने कंधे पर बिठाकर मैदान की तरफ ले जाते देखा गया था।

राजमहल के पोक्सो की विशेष अदालत ने इस मामले में ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष के अनुसंधानकर्ता पुलिस अफसर सहित 12 गवाहों का परीक्षण कराया था। 3-4 गवाहों ने घटना वाली शाम को आरोपी द्वारा बच्ची को अपने साथ ले जाते हुए देखने की गवाही दी थी। ट्रायल पूरा होने के बाद पॉक्सो कोर्ट ने राहत शेख को 1 दिसंबर 2022 को दोषी करार दिया और और 12 दिसंबर 2022 को उसे फांसी की सजा सुनाई। आरोपी राहत शेख ने पॉक्सो कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए हाइकोर्ट में अपील दायर की थी।

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि तीन-चार लोगों ने अभियुक्त को उस बच्ची को ले जाते देखा, लेकिन सिर्फ इसी आधार पर उसे दोषी नहीं माना जा सकता।