जमशेदपुर: सरकारी नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं को अपने जाल में फंसा कर हाई-टेक तरीके से ठगी को अंजाम दे रहे शख्स को पुलिस ने दबोचा।उसके पास से झारखंड सरकार के कई विभागों की फर्जी मुहरें, नकली नियुक्ति पत्र और युवाओं के शैक्षणिक प्रमाण पत्र बरामद किए हैं।
आरोपी का नाम प्रसेनजीत है।जो मूल रूप से असम का रहने वाला है, गूगल से प्रश्नपत्र बनाकर आनलाइन परीक्षा का झांसा देता था और खनन से लेकर कृषि विभाग तक में अधिकारी बनाने का वादा करता था।
उसके पास से झारखंड सरकार के कई विभागों की फर्जी मुहरें, नकली नियुक्ति पत्र और युवाओं के शैक्षणिक प्रमाण पत्र बरामद किए हैं।
सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया कि आरोपित आदित्यपुर की एक निजी कंपनी में काम करने की आड़ में यह गोरखधंधा चला रहा था। खनन, कृषि और आपूर्ति विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देता।उम्मीदवारों से पहले दो से तीन लाख रुपये एडवांस लेता। नियुक्ति पत्र देने के बाद आठ से 10 लाख रुपये तक की मांग करता।
आरोपी अब तक सात युवाओं से नौ लाख रुपये ऐंठ चुका है, जबकि 15–20 और युवक उसके निशाने पर थे। प्रसेनजीत युवाओं का भरोसा जीतने के लिए गूगल से सरकारी परीक्षाओं जैसे प्रश्नपत्र तैयार करता और लिंक भेजकर आनलाइन परीक्षा लेता था।
उम्मीदवारों से पहले ही मूल प्रमाण पत्र अपने पास जमा करा लेता था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी आदतन ठग है। पहले भी वह इसी तरह कई युवाओं को चूना लगा चुका है। तब मामला दबाने के लिए उसके परिवार ने जमीन-जायदाद बेचकर पीड़ितों के पैसे लौटा दिए थे।
इस बार कदमा की रहने वाली दीक्षा महतो की शिकायत पर पुलिस ने जाल बिछाकर उसे धर दबोचा और न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोल्हान में नौकरी के नाम पर ठगी की यह कोई पहली घटना नहीं है।