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जामताड़ा: जिले में मुस्लिम और जनजातीय समुदायों के बीच भूमि विवाद गहरा गया है। यह विवाद नारायणपुर थाना क्षेत्र में ‘पुरातन पतित’ नामक स्थान को लेकर है। आदिवासी समुदाय इस भूमि को पवित्र स्थल मानता है, जबकि मुस्लिम समुदाय का कहना है कि यह उनका कब्रिस्तान है। मुस्लिम पक्ष द्वारा यहाँ पर एक शव को भी दफना दिया गया, जिस से तनाव का माहौल बन गया। जनजातीय समुदाय ने पुलिस पर मुस्लिमों के पक्ष में कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने इस विवाद की वजह हेमंत सोरेन सरकार की तुष्टिकरण की नीति बताया है।

शनिवार को इसी क्षेत्र के शहरपुर पंचायत में रहने वाले पीठुआडीह के रहमतुल्लाह की मौत हो गई थी। रहमतुल्लाह का जनाजा ले कर मुस्लिम समुदाय पावन पतित जमीन की जमीन पर बढ़ चला। इसी जमीन पर रहमतुल्लाह को दफनाने की तैयारियाँ शुरू हो गईं। जैसे ही आसपास के जनजातीय लोगों को इसकी जानकारी हुई वो नाराज हो गए। उन्होंने शव दफनाने का विरोध किया तो दूसरी तरफ से भी तनातनी शुरू हो गई। माहौल को तनावपूर्ण देख कर मौके पर पुलिस बल पहुँच गया। पुलिस ने थोड़ी देर बातचीत के बाद मुस्लिमों का पक्ष लिया और पावन पतित की भूमि पर ही रहमतुल्लाह को दफना दिया गया। स्थानीय जनजातीय समुदाय ने पुलिस की कार्रवाई को एकपक्षीय बताया। उन्होंने आरोप लगाया है कि स्थानीय प्रशासन भी मुस्लिम समुदाय का साथ दे रहा है। हालात तनावपूर्ण देखते हुए इलाके में पुलिस बल की सक्रियता बढ़ा दी गई है।

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