शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– श्री राम सेना के तत्वाधान में रामनवमी के अवसर पर शुक्रवार की शाम शहर के गोसाईबाग मैदान में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में देश की प्रसिद्ध भजन गायिका शहनाज अख्तर ने अपनी सजीव प्रस्तुति से उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि विधायक सह श्री राम सेना के मुख्य संरक्षक अनंत प्रताप देव उर्फ छोटे राजा, संरक्षक युवा नेता दीपक प्रताप देव, विधायक पुत्र मानवेंद्र प्रताप देव उर्फ मन्नू बाबा, नपं के पूर्व उपाध्यक्ष लता देवी और श्रीराम सेना अध्यक्ष रजनीकांत मधुर एवं सुप्रसिद्ध भजन गायिका शहनाज अख्तर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया।

कार्यक्रम में श्रीराम सेना अध्यक्ष रजनीकांत मधुर ने सभी अतिथियों का पट्टा ओढ़ाकर और बुके भेंट कर स्वागत एवं सम्मान किया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित विधायक अनंत प्रताप देव ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम हम सभी के प्रेरणास्रोत हैं। उनके आदर्शों को अपनाकर समाज में नैतिकता और मर्यादा कायम की जा सकती है।” उन्होंने कहा कि श्री बंशीधर नगर की पहचान श्री बंशीधर जी से है और राज्य सरकार द्वारा बंशीधर महोत्सव को राजकीय दर्जा दिए जाने से इसकी ख्याति देश-विदेश में बढ़ी है।

राम के अनुयायी हैं तो मर्यादा भी जरूरी – दीपक प्रताप देव
श्री राम सेना के संरक्षक दीपक प्रताप देव ने कहा कि सनातन धर्म ही दुनिया का एकमात्र धर्म है जो जीवन को मर्यादा और संयम के साथ जीने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा, रामनवमी पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ, इसलिए यह दिन हमारे लिए विशेष है। यदि आप भगवान राम को मानते हैं तो आपको उनके बताए मार्ग यानी मर्यादा का भी पालन करना होगा।

मानवेंद्र प्रताप देव उर्फ मन्नू बाबा ने कहा, शहनाज अख्तर को अब तक हमने टीवी पर देखा था, लेकिन उन्हें मंच पर गाते देखना अद्भुत अनुभव है। उन्होंने सभी को रामनवमी की बधाई देते हुए आपसी भाईचारे और सौहार्द के साथ पर्व मनाने की अपील की।
शहनाज अख्तर की प्रस्तुति से झूमे श्रद्धालु
श्री राम सेना द्वारा आयोजित भजन संध्या में जब मंच पर प्रसिद्ध भजन गायिका शहनाज अख्तर ने सुरों का जादू बिखेरा, तो समूचा गोसाईबाग मैदान भक्ति रस में सराबोर हो गया। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई, जिसके बाद एक से बढ़कर एक भजनों ने माहौल को पूरी तरह भक्तिमय बना दिया। “राम नाम की महिमा” से लेकर “माता रानी के जगराते” तक, हर प्रस्तुति पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। तालियों की गूंज और “जय श्रीराम” के उद्घोष ने वातावरण को पूरी तरह आध्यात्मिक बना दिया।















