श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– श्री कृष्ण जन्मोत्सव के पावन अवसर पर श्री बंशीधर मंदिर के खलिहान प्रांगण में श्री बंशीधर सूर्य मंदिर ट्रस्ट के तत्वधान में आयोजित सात दिवसीय रासलीला कार्यक्रम में शनिवार को मथुरा वृंदावन धाम से आए ब्रज कृष्ण लीला संस्थान द्वारा सायं 7:30 बजे से 11 बजे रात्रि तक रासलीला का भव्य आयोजन किया जा रहा है। रासलीला के तीसरे जालंधर वध की मर्मस्पर्शी मंचन से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों ने सभी पात्रों का सजीव चित्रण करते हुए ऐसा समां बांधा कि पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। इस दौरान पंडाल में लगी बड़ी संख्या में महिला व पुरुष श्रोताओं के तालिया की गड़गड़ाहट और जयकारों से गूंज उठा। पंडाल में भीड़ इतनी थी कि बैठने का स्थान कम पड़ गया।
देवराज इंद्र की जिद से महादेव जब क्रोधित हुए तो जालंधर उत्पन्न हुआ। उसने अपने तपोबल से तमाम शक्तियां हासिल की और अजेय हो गया। उसकी पत्नी वृंदा भी पतिव्रता थी। इस कारण वह और शक्तिशाली हो गया। बाद में छल के जरिए भगवान विष्णु व शंकर मिलकर उसका वध कर देते हैं। जब जालंधर अपनी शक्तियों के मद में चूर होकर त्रिदेव से ही लड़ने पर आमादा हो जाता है तो भगवान विष्णु लीला करके विश्व मोहिनी का अवतार करवाते हैं। इस सुंदरी का नाम वृंदा होता है और जालंधर से उसकी शादी होती है।
भगवान विष्णु छल के द्वारा वृंदा का पतिव्रत भंग कर देते हैं और भगवान शंकर जालंधर का वध कर देते हैं। जब वृंदा को इस छल का पता चलता है, तो वह भगवान विष्णु को पत्थर होने का श्राप दे देती है। इससे क्रोधित होकर मां लक्ष्मी उसको जंगल की लकड़ी होने का श्राप देती हैं। श्राप के प्रभाव से जहां भगवान शालिग्राम होते हैं, वहीं वृंदा तुलसी के रूप में अवतरित होती है। तब से दोनों ही इसी रूप में पूजे जाते हैं। बिना तुलसी के शालिग्राम का भोग नहीं लगता है।
उस मौके पर नगर उंटारी महिला थाना के थाना प्रभारी पिंकी कुमारी साव, श्री बंशीधर सूर्य मंदिर ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी राजेश प्रताप देव, प्रतिष्ठित व्यवसाई वीरेंद्र प्रसाद कमलापुरी, मनदीप कमलापुरी,मिक्की जायसवाल,विनोद कसेरा, मनीष कमलापुरी,विपुल रंजन, नंदू लाल,सुजीत लाल अग्रवाल, सुरेश विश्वकर्मा समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।