रांची :- विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि भारत में 9 अगस्त को विश्व मूलनिवासी दिवस (विश्व के मूल निवासियों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस) मनाने की आवश्यकता नहीं है। परांडे कहा कि इसके स्थान पर 15 नवंबर को आदिवासियों के सर्वमान्य प्रतीक पुरुष बिरसा मुंडा की जयंती पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाना ज्यादा उचित रहेगा।
परांडे, झारखंड की राजधानी में अखिल भारतीय बजरंग दल की दो-दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने यहां आए हैं। बैठक की शुरुआत शनिवार को हुई। विश्व के मूल निवासियों के लिए जागरूकता फैलाने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हर वर्ष 9 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय मूलनिवासी दिवस मनाया जाता है। परांडे ने कहा, ”भारत में विश्व मूलनिवासी दिवस मनाने की आवश्यकता नहीं है। इस देश के मूल निवासी हजारों वर्षों से हिंदुओं के साथ शांतिपूर्वक रह रहे हैं। एक विदेशी धारणा भारत पर थोपी जा रही है।” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर शुरू किया गया जनजातीय गौरव दिवस भारत के मूल निवासियों के योगदान का जश्न मनाने के लिए उपयुक्त है।”
झारखंड सरकार ने 9 और 10 अगस्त को रांची के जेल चौक में भगवान बिरसा मुंडा मेमोरियल उद्यान-सह-संग्रहालय में झारखंड आदिवासी महोत्सव नामक दो-दिवसीय उत्सव आयोजित करने के लिए व्यापक व्यवस्था की है। मणिपुर हिंसा को लेकर उन्होंने कहा, ”कुछ लोग इसे हिंदुओं और ईसाइयों के बीच हिंसा की तरह प्रकट कर रहे हैं, जबकि यह पूरी तरह से गलत है। यह पूर्वोत्तर राज्य में दो समुदायों के बीच संघर्ष है। मणिपुर में हिंसा रुकनी चाहिए। इस हिंसा में करीब 50,000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा है और वे 300 शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं।” उन्होंने कहा कि बजरंग दल धर्म परिवर्तन, लव जिहाद, अवैध प्रवासियों और पड़ोसी देशों से मवेशियों की तस्करी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए 30 सितंबर से 14 अक्टूबर तक शौर्य जागरण यात्रा निकालेगा।