शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर(गढ़वा) :– नगर पंचायत श्री बंशीधर नगर के बने लगभग 7 वर्ष होने को है। नगर पंचायत बनने के बाद क्षेत्र के लोग उत्साहित हैं कि अब उन्हें आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण होंगे। नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत कुल 17 वार्ड है। इन सभी वार्डो को स्वच्छ सुंदर और साफ सुथरा बनाए रखने के लिए नगर पंचायत पहली प्राथमिकता सूची में नाम दर्ज करती है। सभी पंचायतों में साफ-सफाई के नाम पर प्रत्येक वर्ष लाखों रुपए खर्च भी किए जाते हैं। लेकिन इसका लाभ जनता को कितना मिलता है,वो साफ तौर पर नजर आ रहा है। आखिर वास्तविकता क्या है?
नपं द्वारा क्षेत्र में व्यवस्था मुहैया कराने के नाम पर लाखों रुपए होल्डिंग टैक्स वसूलती हैं ताकि क्षेत्र के जनता को आधुनिक सुविधा मुहैया करा सके। अगर समय पर होल्डिंग टैक्स जमा नहीं करते हैं तो जुर्माना भी वसूला जाता है। अब सवाल है कि आखिर जनता से वसूला गया होल्डिंग टैक्स का पैसा आखिर क्या होता है? आपको बता दें कि सरकारी राशि के दुरुपयोग और लूट की मिसाल बन गई है नगर पंचायत श्री बंशीधर नगर।
करोड़ो की लागत से स्वीकृत कई बड़ी योजनाओं का बुरा हश्र स्थानीय लोग देख रहे है। स्वच्छ भारत मिशन के इस दौर में नगर पंचायत क्षेत्र में साफ-सफाई की स्थिति भी बेहतर नहीं है। यही कारण है कि नगर पंचायत के वार्ड नो० 6 जंगीपुर स्थित ब्लॉक परिसर में कई वर्षो से कचड़ा उठाव के लिए लाखों रुपए खर्च कर खरीदे गए वाहन को नगर पंचायत प्रशासन की लापरवाही और देखरेख के अभाव में कचरा बन रहें हैं। इनमें ना तो स्थानीय प्रशासन का ध्यान है और न हीं नगर पंचायत के किसी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि का।
जिन वाहनों का उपयोग नगर पंचायत के कचरो को उठाने के लिए होना चाहिए। देख रेख के अभाव में अब खुद ही कचरा और कबाड़ा में तब्दील होती जा रही है।
मिली जानकारी में अनुसार नगर पंचायत द्वारा वर्ष 2021 में लगभग 8 लाख रुपए की लागत से कचरा उठाने वाला (ऑटो टीपर), शादी विवाह सहित अन्य कार्यक्रम में उपयोग होने वाले लगभग 11 लाख रुपए की लागत से मोबाइल टॉयलेट, 21 लाख रुपए की लागत से नाला साफ-सफाई करने वाला (जेटिंग मशीन), लगभग 15 लाख रुपए की लागत से लेट्रिंग टंकी साफ करने वाला शौचालय सेक्सन मशीन वाहन तो खरीदें गए है। लेकिन सबसे दुर्भाग्य की बात तो यह है कि अब तलक इन सभी वाहनों को जनता के उपयोग में एक दिन भी नहीं हुआ है।बल्कि उचित देखरेख के अभाव में ब्लॉक परिसर में शो – पीस के तरह खड़ा कर दिया गया है।
झाड़ियों से घिरे ये सभी वाहन कबाड़ में बर्बाद हो रहे है। इन वाहनों की ओर किसी का ध्यान तक नहीं है। अब आगे देखना यह है कि क्या सच में स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि इससे बेखबर है या फिर इन कीमती सरकारी संपत्तियों को कबाड़ा बनाने के पीछे कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र चल रहा है।
