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भगोड़े मेहुल चोकसी को भारत लाने का रास्ता हुआ साफ, बेल्जियम की कोर्ट ने प्रत्यर्पण को दी मंजूरी

On: October 17, 2025 9:18 PM
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Mehul Choksi: बेल्जियम के एंटवर्प की एक अदालत ने शुक्रवार को भारत के लिए एक बड़ी राहत देते हुए भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। यह फैसला करीब 95 करोड़ डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में भारत के अनुरोध पर सुनाया गया। अदालत ने चोकसी के वकीलों और भारत की ओर से पेश हुए बेल्जियम अभियोजकों की दलीलें सुनने के बाद निर्णय दिया कि इस साल अप्रैल में की गई उसकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण अनुरोध कानूनी रूप से वैध हैं।

उच्च न्यायालय में अपील की संभावना

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, चोकसी इस फैसले के खिलाफ अब बेल्जियम के उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है। ऐसे में उसका भारत प्रत्यर्पण तुरंत नहीं होगा, लेकिन यह फैसला भारत के लिए पहला और बेहद अहम कदम साबित हुआ है।

कैसे हुई गिरफ्तारी

65 वर्षीय मेहुल चोकसी को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मामले में भारत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) लंबे समय से तलाश रही थी। पिछले साल जुलाई में एजेंसी ने उसे बेल्जियम में ट्रैक किया था। इसके बाद भारत सरकार ने बेल्जियम से औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध किया, जिसके आधार पर उसे 11 अप्रैल को एंटवर्प पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब से वह चार महीने से अधिक समय से वहीं जेल में बंद है।

किन धाराओं में मांगा गया प्रत्यर्पण

भारत ने चोकसी के प्रत्यर्पण की मांग भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं —
120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 201 (साक्ष्य नष्ट करना), 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 477ए (खातों में हेराफेरी) —
साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं 7 और 13 (रिश्वतखोरी) के तहत की है।

इन अपराधों को बेल्जियम के कानूनों में भी गंभीर अपराध माना जाता है, जिससे प्रत्यर्पण “दोहरे अपराध खंड” के तहत संभव हुआ। भारत ने अपने अनुरोध में संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध (UNTOC) और भ्रष्टाचार विरोधी कन्वेंशन (UNCAC) का भी उल्लेख किया।

भारत ने दिया मानवीय आश्वासन

भारत सरकार ने बेल्जियम को यह भी भरोसा दिलाया है कि प्रत्यर्पण के बाद मेहुल चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जो यूरोपीय सीपीटी मानकों (यातना और अमानवीय व्यवहार की रोकथाम समिति) के अनुरूप है। सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि उसे स्वच्छ पेयजल, पर्याप्त भोजन, चिकित्सा सुविधाएं, समाचार पत्रों और टीवी की पहुंच जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही, उसे निजी चिकित्सक से इलाज का विकल्प और यह गारंटी भी दी गई है कि उसे एकांत कारावास में नहीं रखा जाएगा।

इस फैसले को भारत की एजेंसियों के लिए कूटनीतिक और कानूनी मोर्चे पर बड़ी सफलता माना जा रहा है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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