झारखंड वार्ता न्यूज
झूंसी (प्रयागराज)। सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाएं गरीब नखड़ू के लिए बेमानी साबित हुईं। पत्नी बीमार हुई तो आर्थिक तंगी के चलते उसका इलाज नहीं हो सका। पत्नी की मौत हो गई तो अर्थी तक के पैसे उसके पास नहीं थे।
आर्थिक तंगी के कारण पत्नी के शव को अंतिम संस्कार के लिए बांस में लटका कर ले जाते मजबूर पति को देख राहगीरों का दिल पसीज उठा। इस ह्रदय विदारक दृश्य को देख सड़क पर भीड़ जुट गई। परिवार के पास अर्थी तक के पैसे न होने की जानकारी होते ही लोगों का कलेजा फट सा गया।
फिर क्या था, लोगों ने यह नहीं सोचा कि सरकारी एंबुलेंस क्यों नहीं मिली, गरीबों के लिए सरकारी योजनाएं अथवा आर्थिक सहायता कहां हैं, देखते ही देखते लोगों की जेब से नोट निकलने लगे। पैसे इकट्ठे होने पर शव को ई-रिक्शा पर रखवाकर दारागंज श्मशान घाट भेजा गया।
वाराणसी के कपसेटीथआना के बनकट गांव निवासी नखड़ू अपने परिवार के साथ झूंसी के नीबी गांव में पत्तल बनाकर गुजर बसर करते हैं। उनकी पत्नी अनीता (26) कई दिनों से बीमार चल रही थीं। शुक्रवार को झूंसी के बंधवा ताहिरपुर गांव में वह पत्नी को लेकर झाड़-फूंक करने वाले के पास ले गए, जहां अनीता ने दम तोड़ दिया।
