---Advertisement---

रांची: आदिवासी अस्तित्व बचाने सड़क पर उतरे हजारों लोग, कुरमी समाज की एसटी मांग का विरोध

On: September 14, 2025 7:50 PM
---Advertisement---

रांची: रविवार को आदिवासी समाज ने अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए विशाल बाइक रैली निकाली। आदिवासी अस्तित्व बचाव मोर्चा के बैनर तले आयोजित इस रैली का नेतृत्व केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने किया। इसमें हजारों आदिवासी बुद्धिजीवी, युवा और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
रैली का मुख्य उद्देश्य कुरमी/कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जा देने की मांग का विरोध था।



सड़कों पर गूंजे जय सरना के नारे

मोरहाबादी मैदान से शुरू हुई रैली हरमू रोड और अरगोड़ा होते हुए बिरसा मुंडा चौक पहुंची।
यहां वीर बुधु भगत, भगवान बिरसा मुंडा और अल्बर्ट एक्का की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर आदिवासी अस्मिता की रक्षा का संकल्प लिया गया।
बाइक पर सवार युवाओं ने नारे लगाए— “कुड़मी को आदिवासी नहीं माना जा सकता”। रैली में आदिवासी झंडे, बैनर और प्लेकार्ड लहराए गए।


बुद्धिजीवियों का बयान: “आदिवासी जन्मजात होते हैं, बनाए नहीं जाते”

अजय तिर्की (केंद्रीय सरना समिति अध्यक्ष): “कुड़मी समुदाय फर्जी तरीके से आदिवासी बनकर आरक्षण पर कब्जा करना चाहता है। वे हिंदू रीति-रिवाज अपनाते हैं और आदिवासी संस्कृति से मेल नहीं खाते। आदिवासी बना नहीं जाता, जन्मजात होता है। यदि कुड़मी रेल रोकने की बात करेगा, तो आदिवासी जहाज रोकने का काम करेंगे।”

ग्लैडसन डुंगडुंग (सामाजिक कार्यकर्ता): “यह एक सोची-समझी साजिश है, जिसके जरिए कुड़मी जबरन आदिवासी बनना चाहते हैं।”

अलविन लकड़ा: “कुड़मी समुदाय आदिवासी संस्कृति से असंगत है। आदिवासी जन्म से होते हैं, किसी को बनाकर आदिवासी नहीं बनाया जा सकता।”

राहुल उरांव: “कुड़मी समाज का ढांचा मुंडा, संथाल और उरांव जैसी जनजातियों से अलग है। केंद्र सरकार और ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट (टीआरआई) पहले ही उनकी मांग खारिज कर चुका है।”

प्रवीण कच्छप (आदिवासी नेता): “आदिवासियों को एकजुट होकर इस नाजायज मांग का विरोध करना होगा। खुद कुड़मी समाज कहता है कि वे शिवाजी के वंशज हैं, तो वे आदिवासी कैसे हो सकते हैं?”

चेतावनी: आंदोलन और तेज होगा

आदिवासी संगठनों ने चेतावनी दी कि यह रैली केवल सांकेतिक है।
यदि कुरमी समाज को एसटी दर्जा देने की कोशिश हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

रैली में शामिल प्रमुख संगठन:

केंद्रीय सरना समिति

आदिवासी विस्थापित मोर्चा

राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा

सरना आदिवासी जन कल्याण संस्थान


प्रमुख प्रतिभागी


अजय तिर्की, रुपचंद केवट, बिगलाहा उरांव, राहुल उरांव, सुभानी तिग्गा, गैना कच्छप, अमित गाड़ी, बुड़ु धर्म गुरु एतवा उरांव (उर्फ मनीष तिर्की), नवीन तिर्की, कैलाश तिर्की, मनोज उरांव, सुरज टोप्पो समेत सैकड़ों आदिवासी बुद्धिजीवी।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

Join WhatsApp

Join Now

और पढ़ें

रांची: चलती बस में लगी आग, 45 यात्रियों की बाल-बाल बची जान, बाइक सवार की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

साउथ एशियन सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025: पहले दिन भारत का दबदबा, जीते 5 स्वर्ण समेत 14 पदक

स्पेशल कैंपेन 5.0: डीएवी स्कूल पिपरवार में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन, सीसीएल ने डस्टबिन बांट कर छात्रों को स्वच्छता के प्रति किया जागरूक

रांची: सैफ सिनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप का भव्य आगाज, सीएम हेमंत सोरेन ने किया उद्घाटन

रांची: सीसीएल, बरका-सयाल क्षेत्र में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन

रांची: अंतरराष्ट्रीय वुशू प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर लौटी पूर्णिमा लिंडा का हुआ जोरदार स्वागत