इस्लामाबाद/क्वेटा: पाकिस्तान मंगलवार को एक बार फिर आतंकी हमलों की चपेट में आ गया। देश के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुए तीन अलग-अलग हमलों में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
बलूचिस्तान में आत्मघाती हमला
अधिकारियों के अनुसार, पहला हमला बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में हुआ। बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (BNP) की एक रैली के दौरान एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को स्टेडियम के पार्किंग एरिया में उड़ा लिया। इस हमले में कम से कम 11 लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि विस्फोट के समय पार्किंग एरिया में BNP के कई सदस्य मौजूद थे। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
ईरान सीमा के पास दूसरा हमला
बलूचिस्तान में ही ईरान की सीमा से सटे एक जिले में मंगलवार को दूसरा हमला हुआ। अधिकारियों ने बताया कि एक काफिला जब जिले से गुजर रहा था तभी वहां रखे गए घरेलू बम में विस्फोट हो गया। इस हमले में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
खैबर पख्तूनख्वा में फोर्स कैंप पर हमला
तीसरा और सबसे बड़ा हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुआ। यहां सुरक्षा बलों के अड्डे को निशाना बनाते हुए एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी को फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) शिविर के गेट से टकरा दिया। धमाके के बाद पांच अन्य आत्मघाती हमलावर शिविर के अंदर घुस गए और 12 घंटे तक गोलीबारी होती रही। इस हमले में 6 सैनिक शहीद हो गए, जबकि जवाबी कार्रवाई में सभी 6 हमलावर मारे गए। इस हमले की जिम्मेदारी इत्तेहाद-उल-मुलजाहिदीन पाकिस्तान नामक आतंकी संगठन ने ली है।
बढ़ती हिंसा से दहला पाकिस्तान
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से अब तक बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकियों की हिंसा में 430 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मारे गए लोगों में अधिकांश सुरक्षा बलों के जवान शामिल हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान सेना पिछले एक दशक से इन क्षेत्रों में उग्रवाद और आतंकी गतिविधियों से जूझ रही है। केवल वर्ष 2024 में ही इन इलाकों में हिंसा की वजह से 782 लोगों की जान गई थी। मौजूदा घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि 2025 में हालात और भी भयावह होते जा रहे हैं।