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हजारीबाग :- प्रशिक्षु आईएएस शताब्दी मजूमदार आज 6 जुलाई को अपने हजारीबाग के प्रशिक्षण कार्यकाल से विरमित हो गईं। वें एक वर्ष तक हजारीबाग जिले के सहायक समाहर्ता के रुप में प्रशिक्षणरत रहीं।आज स्थानीय परिसदन में उपायुक्त नैंसी सहाय व सभी जिला स्तरीय पदाधिकारियों की मौजुदगी में विदाई समारोह आयोजित किया गया।

उपायुक्त ने अपने अभिभाषण में शताब्दी मजूमदार के कार्यकाल की तारीफ की तथा उनके कार्य के प्रति समर्पण और गंभीरता की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा हजारीबाग जिला कई मामलो में अन्य जिला से भिन्न है कार्यों की अति व्यस्तता के कारण प्रशिक्षु आईएएस के साथ ज्यादा वक्त नहीं दे पाने की बातें सभी के साथ साझा की।उन्होंने कहा की प्रशासनिक संरचना के तहत सभी को एक स्थान से अन्य स्थानो में जाना होता है और यह एक सतत प्रक्रिया है।उपायुक्त ने कहा शताब्दी मजूमदार का पूरा कार्यकाल सयोगात्मक रहा है तथा मुझे पूरी आशा और उम्मीद है की वें एक कुशल प्रशासक के रुप में जानी जाएगी। अंत में उपायुक्त ने इनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए पुष्प गुच्छ एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

श्रीमती शताब्दी मजूमदार ने भी अपने विदाई समारोह में कहा की यह मेरे लिए व्यक्तिगत रुप से भावुक करने वाला पल है। उन्होंने सर्वप्रथम उपायुक्त मैडम को धन्यवाद देते हुए कहा कि हजारीबाग के एक वर्ष का प्रशिक्षण काल निश्चित रुप कई मायनों में खास रहा, मेंटोर के रुप में डीसी मैम का हमेशा सहयोग मिला। उन्होंने कहा डीसी मैडम से कई चीजे सीखने को मिली मसलन सहयोगात्मक रवैया, विषम परिस्थितियों में निर्णय लेने का गुण, प्रशासनिक दायित्व के साथ समय प्रबंधन, नेतृत्व क्षमता आदि कई अनुकरणीय उदाहरण है जिनको मैने आत्मसात करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा की सभी विभागों के अधिकारीयों से भी काफ़ी सीखने और जानने का अवसर मिल जो निश्चय ही आगे आने वाले दिनों में मददगार साबित होंगे। उन्होंने उपायुक्त समेत उपस्थित सभी अधिकारियो, कर्मियों को इतना प्यार और सम्मान देने के लिए धन्यवाद दिया। इस दौरान सभी अधिकारियों ने प्रशिक्षु आईएएस के साथ बिताए गए अपने अपने अनुभव को साझा किए।

संवाददाता -भास्कर उपाध्याय

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