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द डे आफ्टर और सरहद लघु फिल्म ने विद्यार्थियों को प्रभावित किया

जमशेदपुर :संस्कार शिक्षा से नहीं दीक्षा से आती है संस्कार भारती इन तरुणों को साहित्य कला रंगमंच एवं फिल्म उत्सवों के माध्यम से दीक्षा देकर संस्कारित कर रही है| उक्त बातें मुख्य अतिथि डॉक्टर डी. पी. शुक्ला ने दो दिवसीय तरुण फिल्मोत्सव के उदघाटन के अवसर पर विद्यार्थियों से कहीं|

कला साहित्य एवं रंगमंच को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती जमशेदपुर महानगर इकाई का किशोर आयाम तरूण प्रभा के तत्वावधान में आज मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल प्रेक्षागृह में अप० 3:00 बजे से दो दिवसीय “तरूण फिल्मोत्सव” का विधिवत उदघाटन मुख्य अतिथि मोतीलाल नेहरू स्कूल के महासचिव डॉ. डी. पी. शुक्ला एव संस्कार भारती की अध्यक्ष डॉक्टर रागिनी भूषण, प्रांतीय संरक्षक श्री कन्हैयालाल अग्रवाल एवं विभाग प्रमुख श्री विजय भूषण के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर हुआ|

अपने वक्तव्य में उन्होंने विद्यार्थियों को रामायण और गीता के प्रसंगों के माध्यम से जीवन मे सुसंस्कृत और नैतिक मूल्य की शिक्षा का मूल मन्त्र दिया|

जिसमें विभिन्न विद्यालयों के 12 से 17 आयुवर्ग के विद्यार्थिंयों के सर्वांगीण विकास हेतु नैतिक मूल्यों, सामाजिक समरसता, चरित्र निर्माण,सनातन संस्कृति, महापुरुषों, देशभक्ति, वीर- वीरांगनाओं एवं स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा| इस फिल्मोत्सव में विद्यार्थियों ने जो लघु फ़िल्में देखीं, उनमें रक्त संबंध,बत्ती, सरहद, मणिकर्णिका,सावित्री बाई फुले,परिचय, सरकारी बाबू, लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल,परिश्रम एवं द डे आफ्टर हैं| सबसे ज्यादा पसंद की गयी लघु फिल्म “द डे आफ्टर” रही, जिसमें मुख्य कलाकार 13 वर्ष का बालक है जो 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) के झंडोत्तोलन के पश्चात अपने शहर में दूसरे दिन यत्र-तत्र बिखरे हुए झंडों को समेटता हुआ नज़र आता है| ताकि लोगों के पैरों तले हमारा राष्ट्रीय ध्वज रौंदा ना जाए| नैतिकता और राष्ट्र धर्म को दर्शाती और देशभक्ति की भावना जागृत करती इस लघु फिल्म ने विद्यार्थियों को प्रभावित किया|

कल दिनांक 3 दिसम्बर अप० 3:00 बजे से फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें प्रवेश नि:शुल्क है

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