गढ़वा : स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत दिनांक 15 सितंबर 2023 से 02 अक्टूबर 2023 तक “स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा” अभियान मनाने को लेकर उपायुक्त गढ़वा शेखर जमुआर की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष के 02 अक्टूबर को स्वच्छता- एक जन आंदोलन का रूप देने हेतु स्वच्छ भारत दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को उनकी जयंती के दिन श्रद्धांजलि है। स्वच्छ भारत दिवस 2023 की प्रस्तावना के रूप में वार्षिक स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा अभियान स्वच्छ भारत मिशन शहरी एवं ग्रामीण द्वारा संयुक्त रूप से इसे दिनांक 15 सितंबर 2023 से 02 अक्टूबर 2023 तक आयोजित कराया जा रहा है। स्वच्छता ही सेवा 2023 अभियान का मुख्य विषय “कचरा मुक्त भारत” है, जिसका फोकस साफ सफाई और सफाई मित्रों के कल्याण पर आधारित है।
स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के शुभारंभ हेतु आयोजित जिला स्तरीय इस कार्यशाला में कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग प्रदीप कुमार सिंह, सिविल सर्जन डॉo अवधेश सिंह, जनसंपर्क पदाधिकारी साकेत कुमार पांडे, जेएसएलपीएस के डीपीएम सुशील दास समेत पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के सहायक अभियंता, कनीय अभियंता एवं इस योजना से जुड़े ब्लॉक कोऑर्डिनेटर, डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर, सोशल मोबिलाइजर समेत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित थें। कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त शेखर जमुआर, कार्यपालक अभियंता प्रदीप कुमार सिंह, सिविल सर्जन डॉo अवधेश सिंह व उपस्थित अन्य पदाधिकारियों, कर्मियों द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यपालक अभियंता श्री सिंह द्वारा बताया गया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्वच्छता ही सेवा का कार्यक्रम मनाया जा रहा है।
भारत सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुरूप स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तिथिवार कार्यक्रम का संचालन किये जाने संबंधी गतिविधियों पर प्रोजेक्टर के माध्यम से लोगों के बीच प्रदर्शित किया गया। इसके तहत राज्यों के दोनों क्षेत्रों जैसे कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, पर्यटन स्थल, तीर्थ स्थल, चिड़ियांघर, राष्ट्रीय उद्यान, अभ्यारण्य, ऐतिहासिक स्मारक, विरासत स्थल, नदी का किनारा, नालियां इत्यादि अन्य सार्वजनिक स्थानों को व्यापक स्तर पर स्वच्छ करना है। इसके तहत गतिविधियों के मुख्य घटक के रूप में बताया गया कि जिला प्रखंड या गांव में वैसे जगह जहां पूर्व से अपशिष्ट पदार्थ जमा हो, वैसे स्थलों को चिन्हित कर साफ सफाई किया जाना आवश्यक है। सार्वजनिक शौचालयों, कूड़ेदान, अपशिष्ट परिवहन वाहन, मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर इत्यादि सभी स्वच्छता संपत्तियों की मरम्मती, पेंटिंग, साफ सफाई और ब्रांडिंग करना आवश्यक है। उपस्थित लोगों को प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया गया की एकल उपयोग वाले प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को पूर्णतया बंद करने, पर्यटन स्थलों के साफ सफाई करने तथा गीला-सूखा कचरा को अभियान के अनुरूप सूखे एवं गीले कचरे को निर्धारित कूड़ेदान में डालने हेतु लोगों को प्रेरित करना है। भारतीय स्वच्छता लीग 2.0 स्वच्छता हेतु विशेष कर युवा इकाई को संगठित करने के लिए युवाओं के नेतृत्व वाली टीम को एक साथ लाने की आवश्यकता बताई गई। पूरे जिले में पर्यावरण- विशेष रूप से नदियों का तट, सार्वजनिक स्थलों, पार्क, पहाड़ों, पर्यटन स्थलों के साथ सफाई करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाने की जानकारी दी गई। साथ ही जिला प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर स्वच्छता यात्रा को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि का आयोजन करते हुए लोगों को जागरुक किए जाने की बात कही गई। उपरोक्त गतिविधियों का संचालन तिथि वार करने की जानकारी कार्यशाला के माध्यम से दी गई। इसके संचालन संबंधी उत्तरदायी व्यक्तियों को तिथि वार गतिविधि करने एवं कराने हेतु निर्देशित किया गया। सिविल सर्जन गढ़वा श्री सिंह द्वारा इस अभियान के सफलता के संबंध में बताया गया कि स्वस्थ जीवन की कल्पना स्वस्थ वातावरण में ही की जा सकती है। यदि हमारे चारों ओर साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा तो लोग कम बीमार पड़ेंगे। कचरा मुक्त भारत के लिए किसी भी पब्लिक प्लेस या प्राइवेट प्लेस में कचरे के निस्तारण हेतु स्वयं पहल करने की आवश्यकता है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि स्वयं के द्वारा कचरे का निस्तारण कर एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करें ताकि लोगों में एक अच्छा संदेश जाए, जिससे चलते इस कार्य को करते हुए देखने वाले लोग भी प्रेरित होकर कचरा निस्तारण में अपनी भूमिका निभाएंगे। उपायुक्त शेखर जमुआर द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा के तहत स्वच्छ भारत एवं कचरा मुक्त भारत के लिए शपथ दिलाई गई, जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के सपनों को साकार करने के लिए अपने-अपने ग्राम पंचायत को खुले में शौच मुक्त की स्थिति में स्थायित्व प्रदान करने, ठोस एवं तरल अपशिष्ट कचरा के प्रबंधन, सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति तथा प्लास्टिक से बने थैलियों के उपयोग के जगह कागज व कपड़े की थैलियां का उपयोग करने तथा मिट्टी व पत्तों से बने थालियां अथवा वस्तुओं का उपयोग करने की शपथ दिलाई गई। साथ ही शपथ दिलाई गई की यदि हमारे गांव या पंचायत में प्लास्टिक का उपयोग होता है तो उसे हम अपने स्तर पर जमा करेंगे ना ही उसे फेंकेंगे और ना ही जलाएंगे। पुराने प्लास्टिक एवं बोतलों का पुन: उपयोग योग्य सामग्री बनाएंगे आदि। उपायुक्त श्री जमुआर द्वारा बताया गया कि वैसे तो स्वच्छता पखवाड़ा के तहत कार्यक्रम के संचालन हेतु विभिन्न व्यक्तियों, कर्मियों, पदाधिकारियों, विभिन्न संस्थानों, संस्थाओं आदि को उत्तरदायित्व दिया गया है परंतु वास्तव में यह हम सब का दायित्व है की स्वच्छ भारत मिशन में अपनी-अपनी भूमिका निभायें एवं स्वच्छ भारत तथा कचरा मुक्त भारत बनाएं। इसके लिए उन्होंने विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों, आंगनबाड़ी, जेएसएलपीएस, एनजीओ के जरिए सार्वजनिक स्थलों, बाजार, पर्यटन स्थलों, तीर्थ स्थलों आदि स्तर पर व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए कार्य करने की जरूरत बताई एवं संबंधितों को निदेशित किया। कचरा मुक्त भारत के तहत पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल द्वारा इसके संबंध में पूर्व से जिले के विभिन्न क्षेत्र में ग्राम स्तर पर किये जा रहे कार्यो यथा- नाडेप निर्माण, भस्मीकरण यंत्र, बांस का कमाची, गीला एवं सूखा कचरा पात्र आदि का निर्माण करते हुए कचरा निस्तारण की बात बताई गई एवं इसे प्रोजेक्टर के माध्यम से लोगों के समक्ष दिखाई गई।