रांची :- झारखंड में कोयले की रॉयल्टी और कोयला कंपनियों द्वारा अधिगृहीत जमीन के मुआवजे का भुगतान न किये जाने के प्रदेश सरकार के आरोपों को आधारहीन करार देते हुये केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि केन्द्र सरकार नियमित रूप से प्रति माह रॉयल्टी और मुआवजे का भुगतान राज्य सरकार को कर रही है।
प्रदेश की दो दिन की यात्रा पर यहां आये जोशी ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में यह बात कही। जोशी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उस आरोप को आधारहीन और तथ्यहीन करार दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार को कोयला कंपनियां अधिगृहीत जमीन का मुआवजा और कोयला उत्पादन पर रॉयल्टी नियमित रूप से नहीं दे रही हैं। केन्द्रीय मंत्री ने संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा, ”मुख्यमंत्री गलत बोल रहे हैं। राज्य सरकार को अधिगृहीत भूमि का मुआवजा और रॉयल्टी का भुगतान प्रत्येक माह प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।”
कोयला मंत्री ने कहा कि देश में कोयले का उत्पादन ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है और इस वर्ष सौ करोड़ टन कोयले का उत्पादन करने का लक्ष्य है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को रांची में नीति आयोग की बैठक में आरोप लगाया था कि कोयला कंपनियों द्वारा अधिगृहीत भूमि का मुआवजा और कोयले की रॉयल्टी की राशि राज्य को नियमित रूप से नहीं मिल रही है। उन्होंने बैठक में यह भी कहा कि कोयला कंपनियों पर राज्य सरकार का लगभग 80 हजार करोड़ रुपये का बकाया है।