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रांची: रांची से लापता हुए होटल व्यवसायी और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी लाल रणविजय नाथ सहदेव अपहरण कर्ताओं को झांसा देकर बच निकलने में सफल रहे और उन्हें कथित रूप से धनबाद रेलवे स्टेशन पर मदद के लिए चिल्लाते और भागते हुए देखा गया उसके बाद उन्हें रेल सुरक्षा बल ने प्रोटेक्शन दिया और अस्पताल पहुंचा दिया।धनबाद जीआरपी ने उनके बरामद होने की सूचना ठाकुरगांव थाने की पुलिस को दे दी है।

बता दें कि रणविजय नाथ सहदेव ठाकुरगांव थाना क्षेत्र के उरगुट्टू के निवासी हैं। सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को शाम करीब चार बजे उन्हें जबरन उठा लिया गया था। इस घटना को लेकर उनके परिजनों ने ठाकुरगांव थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी।

उन्होंने कहा है कि उन्हें एक ऊंचे स्थान पर बंधक बनाकर रखा गया था। इस दौरान उनके पास मौजूद नकदी और सोने की अंगूठी लूट ली गई। अपहरणकर्ताओं ने उनके पैरों को नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश की ताकि वह भाग न सकें। उनके हाथों में अब भी रस्सियों के निशान हैं। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और अपराधियों की तलाश जारी है।

सूत्रों का कहना है कि अपहर्ताओं के चंगुल से भागकर शुक्रवार की सुबह धनबाद जीआरपी थाना पहुंचे। अर्धबेहोशी की हालत में जीआरपी ने उन्हें इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया।देर शाम उन्हें रिम्स रेफर कर दिया गया. अपहृत होटल व्यवसायी व विहिप के पिठोरिया प्रखंड अध्यक्ष श्री शाहदेव बलियापुर के सीओ प्रवीण कुमार सिंह के रिश्तेदार हैं।

सूचना मिलने पर सीओ श्री सिंह एसएनएमएमसीएच पहुंचे और लाल रणविजय का हालचाल जाना।शाहदेव ने बताया कि गुरुवार को रातू रोड से उनका अपहरण हुआ था।वह ऑटो से रातू रोड पहुंचे थे।इस दौरान शौच करने के लिए रुके।इसी बीच इको वाहन से तीन युवक आये और उन्हें मारते हुए वाहन पर बैठा लिया।हाथ व पैर रस्सी से बांध दिया।इसके बाद उसे कहां ले जाया गया, इसकी जानकारी नहीं है।

बड़े भाई ने ठाकुरगांव थाना में की थी शिकायत

श्री शाहदेव के बड़े भाई लाल मृत्युंजय नाथ शाहदेव ने बताया कि गुरुवार को लाल रणविजय पूर्वाह्न 11.30 बजे घर से निकला था. शाम तक वापस नहीं लौटा। उसका मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा। गुरुवार की रात उन्होंने ठाकुरगांव थाना में भाई के गायब होने की शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया था। शुक्रवार को दिन 11 बजे धनबाद जीआरपी ने फोन कर परिजनों को लाल रणविजय के अर्ध बेहोशी की हालत में मिलने की जानकारी दी। इसके बाद

एसएनएमएमसीएच में लाल रणविजय ने बताया कि अपराधियों ने उसे कुछ पदार्थ सूंघा दिया था। इससे बेहोश हो गये. होश में आने पर अपराधी कपड़ा से नाक में कुछ सूंघा देते थे। इससे वह बेहोश हो जाते थे. उसने बताया कि रात में उसे होश आया, अपने पहाड़ीनुमा स्थल पर पाया।शौच का बहाना कर उसने अपराधियों से हाथ-पांव खुलवाया। इसके बाद झाड़ियों की तरफ गया और मौका देख कर भाग कर अपनी जान बचायी।