नई दिल्ली: स्वाति मालीवाल के साथ कथित मारपीट के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। उन्होंने तीस हजारी कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन जज ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया। 18 मई, 2024 को विभव कुमार को गिरफ्तार किया गया था और 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया था। वह 28 मई तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे।
इससे पहले, आज दोनों पक्षों के बीच जमानत को लेकर बहस हुई। दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध किया था। वहीं स्वाति मालीवाल भी कोर्ट में मौजूद थीं। उन्होंने ने कोर्ट में रोते हुए जमानत नहीं दिए जाने की अपील की थी। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि विभव कुमार प्रभावशाली हस्ती हैं और वह सीधे गवाहों और सबूतों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने आरोपी से अपने और परिवार की सुरक्षा को खतरा बताया उन्होंने भी बिभव को जमानत देने का विरोध किया था। कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए स्वाति मालीवाल काफी भावुक हो गई थीं और रोने भी लगीं। उन्होंने कौरवों की सभा का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी स्थिति भी वैसी ही थी। मालीवाल ने यह भी कहा कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
वहीं, विभव कुमार की ओर से कोर्ट में दलीलें रखते हुए वकील एन. हरिहरन ने कहा कि पीड़िता दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वह लंबे समय तक महिलाओं के लिए काम कर चुकी हैं और महिला अधिकारों के बारे में उन्हें अच्छी जानकारी है। इसके बावजूद उन्होंने कथित घटना के 3 दिन बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। हालांकि, कोर्ट ने इन दलीलों को स्वीकार नहीं किया।
इधर, एनसीडब्ल्यू (NCW) ने खुलासा किया है कि स्वाति मालीवाल के मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने के बाद विभव कुमार को वहां बुलाया गया था। जिन परिस्थितियों में और जिस किसी के निर्देश पर कुमार को बुलाया गया था, उसे स्पष्ट करने के लिए एनसीडब्ल्यू ने मुख्यमंत्री सहित सभी शामिल व्यक्तियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच करने के लिए कहा है।