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एजेंसी:वक्फ संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद राष्ट्रपति के मंजूरी के बाद कानून का रूप लेने वाला है लेकिन इसको लेकर सियासत भी तेज है।इधर कांग्रेस और ए आई एम आई एम नेता ओवैसी संशोधन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने याचिका दायर की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की है।

गौरतलब हो कि राज्यसभा में यह बिल 128 सदस्यों के समर्थन से पास हुआ, जबकि 95 सदस्यों ने इसका विरोध किया। लोकसभा में यह बिल 3 अप्रैल को पास हुआ था, जिसमें 288 सदस्यों ने समर्थन और 232 ने विरोध किया था।कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने भी वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन पर मनमानी पाबंदियां लगाता है। उनके अनुसार, यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करता है।कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वकील अनस तनवीर के माध्यम से याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव करता है। इसमें उन पर ऐसी पाबंदियां लगाई गई हैं जो अन्य धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन में नहीं हैं। इससे पहले कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के तमाम दलों ने लोकसभा और राज्यसभा में बिल के खिलाफ आवाज बुलंद की थी।

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने शुक्रवार को कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक भले ही लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो चुका है। लेकिन अभी इसे लंबा रास्ता तय करना है। अभी इस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने बाकी हैं और फिर इसे कानूनी लड़ाई से भी गुजरना होगा। प्रमोत तिवारी ने आगे कहा कि हम वही करेंगे जो संवैधानिक है। संसद में पारित संशोधन विधेयक असंवैधानिक है।

पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा से वक्फ संशोधन विधेयक भले ही पास हो गया है लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि संवैधानिक रूप से ये बहुत ही कमजोर बिल है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि यह बिल अदालत में टिक नहीं पाएगा और इससे किसी को कोई फायदा नहीं होगा। तन्खा ने इसे लागू करने की प्रक्रिया और इसके प्रभाव पर भी सवाल उठाए।

वहीं, सीपीएम के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि बिल पास होने के बावजूद विपक्ष ने पूरे देश में यह संदेश देने में सफलता हासिल की है कि वह एकजुट है। उन्होंने केंद्र सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष लगातार इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा। समाजवादी पार्टी के नेता जावेद अली खान ने भी बिल की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह पहले से तय था कि बिल पास हो जाएगा, लेकिन यह असंवैधानिक है।

इससे पहले संसद के दोनों सदनों में वक्फ संशोधन बिल को लेकर लंबी चर्चा हुई। लोकसभा में बुधवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ये बिल पेश किया। जिस पर 12 घंटे से ज्यादा की मैराथन चर्चा हुई, फिर देर रात 2 बजे के बाद वोटिंग में सत्तापक्ष बिल पास कराने में सफल रहा। फिर अगले दिन यानी गुरुवार को राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने बिल पेश किया।

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