नई दिल्ली: 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक ने सार्वजनिक मंच से यह स्वीकार कर लिया है कि इस घटना के पीछे पाकिस्तान की ही साजिश थी। सोशल मीडिया पर उनके बयान का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे बलोच प्रतिनिधि मिर यार बलोच ने अपने एक्स हैंडल पर साझा किया है।
लाल किले से कश्मीर के जंगलों तक हमला हम कराते हैं – अनवारुल हक
वायरल वीडियो में अनवारुल हक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “अगर आप बलूचिस्तान को खून में डुबोते रहेंगे, तो हम लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक भारत पर हमले करेंगे… और अल्लाह की कृपा से हमने यह कर दिखाया है।”
उसने आगे दावा किया कि कुछ दिन बाद हथियारबंद आतंकवादी दिल्ली में घुसे और हमला किया, “दिल्ली में जो हमला हुआ, शायद उसके सभी शवों की गिनती अभी तक पूरी नहीं हुई है।”
हक के इस बयान ने भारत में हुए हालिया आतंकी हमलों में पाकिस्तान की भूमिका को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
दिल्ली ब्लास्ट: 15 की मौत, NIA कर रही जांच
10 नवंबर की शाम करीब 6:52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास खड़ी एक कार में भीषण विस्फोट हुआ था। इस धमाके में अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भारत सरकार ने इसे आतंकी हमला करार देते हुए जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है। जांच में प्राथमिक तौर पर सामने आया है कि हमले का मास्टरमाइंड डॉ. उमर उन नबी था, जो आत्मघाती हमले में मारा गया। वह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े ‘सफेदपोश’ हाई-टेक आतंकवादी मॉड्यूल का सदस्य था। साजिश को अंजाम देने में विदेशी फंडिंग और क्रॉस-बॉर्डर सपोर्ट की भूमिका की भी जांच चल रही है।
पाकिस्तान के नेता पहले भी कर चुके हैं पर्दाफाश
कुछ दिन पहले ही खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी ने भी पाकिस्तान की आतंकवाद नीति पर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि, “सरकार खुद प्रांत में फर्जी आतंकी हमले करवाकर राजनीतिक लाभ उठाती है।”
इन लगातार खुलासों ने पाकिस्तान के ‘डबल गेम’ को दुनिया के सामने और स्पष्ट कर दिया है, जहां एक ओर पाकिस्तान आतंकी संगठनों को पनाह देता है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को “आतंकवाद का पीड़ित” बताने की कोशिश करता है।
भारत ने क्यों कहा– यह साफ तौर पर आतंकी हमला
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने शुरुआती जांच में पाया कि, कार में लगाया गया विस्फोटक उच्च श्रेणी का था। धमाका रिमोट या टाइम-ट्रिगर से किया गया। मॉड्यूल के तार पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। NIA अब डिजिटल फॉरेंसिक, कॉल रिकॉर्ड, और सीमा पार कनेक्शनों की गहराई से जांच कर रही है।
PoK के पूर्व प्रधानमंत्री के स्वीकारोक्ति बयान ने यह साफ कर दिया है कि दिल्ली ब्लास्ट सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि पाकिस्तान द्वारा रची गई योजनाबद्ध साजिश थी। यह बयान भारत की जांच एजेंसियों के दावों को भी मजबूती देता है कि सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देना पाकिस्तान की पुरानी रणनीति का हिस्सा है।













