अररिया: बिहार के अररिया जिले में अदालत ने एक दर्दनाक और रौंगटे खड़े कर देने वाले मामले में 35 वर्षीय पूनम देवी को फांसी की सजा सुनाई है। न्यायमंडल अररिया के एडीजे-04 रवि कुमार की अदालत ने इस पूरे प्रकरण को ‘रेयर ऑफ द रेयरेस्ट’ मानते हुए कहा कि आरोपित मां को गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए, जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए। अदालत ने दोषी पर विभिन्न धाराओं में 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
क्या है पूरा मामला?
घटना अररिया के नरपतगंज थाना क्षेत्र के रामपुर कोसकापुर वार्ड संख्या-05 की है। यहां रहने वाली पूनम देवी अपने प्रेमी रूपेश सिंह से अक्सर घर में चोरी-छिपे मिलती थी। 21 जून 2023 को उसकी 10 वर्षीय बेटी शिवानी कुमारी ने मां और उसके प्रेमी को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया। बच्ची ने यह बात पिता को बताने की चेतावनी दी, जिसके बाद पूनम गुस्से में आगबबूला हो गई।
अभियोजन पक्ष की एपीपी प्रभा कुमारी मंडल के अनुसार, इसी डर से पूनम ने अपनी बेटी की हत्या की योजना बनानी शुरू कर दी। इस बीच उसका पति पंजाब से घर लौटने वाला था, जिससे उसकी बेचैनी और बढ़ गई।
पहले जहरीली मछली खिलाई, फिर चाकू से गोदकर हत्या
10 जुलाई 2023 को पूनम देवी ने बाजार से मछली लाकर उसमें कीटनाशक डिकोलरस मिला दिया। इस जहरीली मछली को खाने के कुछ देर बाद शिवानी बेहोश हो गई। इसके बाद पूनम ने सब्जी काटने वाले चाकू से बेटी के गले, चेहरे और पेट पर कई वार कर उसकी निर्मम हत्या कर दी।
हत्या के बाद वह शव को घर के जलावनघर में रखे मक्का के ढेर में छिपाकर सभी सबूत मिटाने में जुट गई। चाकू और खून के धब्बे साफ करने के बाद वह बेटी को खोजने का दिखावा करने लगी। अंत में उसने ही शव मिलने की सूचना देकर मामला दबाने की कोशिश की।
पोस्टमार्टम और FSL रिपोर्ट ने खोली साजिश
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले, पेट और चेहरे पर गहरे जख्म मिले। बच्ची के बिसरा को FSL भागलपुर भेजा गया, जहां उसमें डिकोलरस ऑर्गेनोफॉस पेस्टीसाइड पाया गया। यह वही रसायन है जो कीटनाशक में उपयोग होता है और अत्यंत जहरीला माना जाता है।
प्रारंभिक FIR चौकीदार भगवान कुमार पासवान की ओर से दर्ज की गई थी। हालांकि जांच के दौरान पूनम के प्रेमी रूपेश के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले। इसलिए आरोप पत्र केवल पूनम देवी के खिलाफ ही दायर किया गया।
स्पीडी ट्रायल में आया फैसला
एसटी 582/2023 के तहत चले स्पीडी ट्रायल में अदालत ने साक्ष्यों को देखते हुए पूनम देवी को दोषी पाया। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपित मां ने मातृत्व को कलंकित किया है।बच्ची की हत्या क्रूर और नृशंस तरीके से की गई। समाज में न्याय और भय की भावना बनाए रखने के लिए फांसी की सजा उपयुक्त है। अदालत ने इसे ‘रेयर ऑफ द रेयरेस्ट’ की श्रेणी में रखकर मृत्युदंड सुनाया।
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