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प्रतिभा सम्मान मिलने पर दिव्यांग दीक्षिका बोली

जमशेदपुर: “देखूंगा नहीं मेरे आगे चाहे कठिनाई की लहर या फिर आग का दरिया होगा, तैर कर पार कर लूंगा क्यूंकि ये हौंसला मेरा जरिया होगा” यह कथन बागुनहातु की मुखी समाज की बेटी दीक्षिका नायक पर बिल्कुल सटिक बैठती है।दीक्षिका नायक भले ही शरीर से दिव्यांग हो, लेकिन उसका हौसला चट्टान की तरह मजबूत है। वह बहुत ही मुश्किल से घुम फिर सकती है।बावजूद इसके अपने हौसले के दम पर उसने स्कूली शिक्षा पूरी की। इतना ही नहीं उसने मैट्रिक व इंटर की भी परीक्षा की। पिछले दिनों मुखी समाज की ओर से प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन गोलमुरी में किया गया था‌ लेकिन किन्ही कारणों से वह प्रतिभाा सम्मान समारोह में पहुंच नहीं सकी।उनका हौसला कहीं कमजोर ना हो।

इसलिए रविवार को मुखी समाज केबुल बस्ती के सचिव गुरूचरण मुखी व केंद्रीय मुखी समाज के केंद्रीय उपाध्यक्ष शंभू मुखी डूंगरी ने बागुनहातु रोड नंबर-2 स्थित उनके आवास पर जाकर प्रतिमा सम्मान समारोह का प्रश्स्ति पत्र व मेडल प्रदान किया। दीक्षिका नायक ने बताया कि वह बैंकिंग व रेलवे में जाना चाहती है लेकिन फिलहाल वह वीमेंस कॉलेज से बीए अंग्रेजी ऑनर्स की पढ़ाई कर रही है।

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