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शुभम जायसवाल

श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):- लोक आस्था के महापर्व चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार अहले सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ विधिवत संपन्न हो गया। श्रद्धालुओं ने बड़ी आस्था और उल्लास के साथ भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की।

अनुमंडल मुख्यालय श्री बंशीधर नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं का हुजूम छठ घाटों पर उमड़ पड़ा। खासकर बाबा बंशीधर मंदिर के समीप बाकी नदी तट पर अवस्थित अति प्राचीन सूर्य मंदिर परिसर का छठ घाट भक्ति और श्रद्धा से सराबोर रहा। यहां बीते वर्षों की तुलना में इस बार अधिक संख्या में व्रतियों ने सूर्योपासना की।

सजावट और सुरक्षा का विशेष इंतजाम

सूर्य मंदिर छठ घाट को आकर्षक झालरों, रोशनी और दीपों से भव्य रूप से सजाया गया था, जिससे पूरा परिसर दिव्य आभा बिखेर रहा था। नगर पंचायत द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जल आपूर्ति हेतु पानी टैंकर की व्यवस्था की गई थी।

36 घंटे के निर्जला व्रत के बाद श्रद्धालुओं ने तोड़ा उपवास

छठ व्रतधारियों ने कठिन तपस्या के रूप में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा और उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात व्रत का पारण किया। भगवान भास्कर की उपासना कर श्रद्धालुओं ने अपने परिवार, समाज और देश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की।

छठ पूजा का महत्व

मान्यता है कि छठ पूजा करने से सूर्य देव की कृपा से आरोग्य, दीर्घायु और ऐश्वर्य प्राप्त होता है, जबकि छठ मैया का आशीर्वाद सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करता है।

श्रद्धा और उल्लास के माहौल में समाप्त हुआ महापर्व

गुरुवार को व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया, जिसके बाद शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व का समापन हुआ। घाटों पर मेले जैसा दृश्य था, जहां श्रद्धालु पूरी रात रौनक बनाए रहे। भक्ति, उमंग और हर्षोल्लास के साथ चैती छठ महापर्व शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ।