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ISRO का दुनिया ने माना लोहा, चंद्रयान-3 को मिलेगा विश्व अंतरिक्ष पुरस्कार

On: July 21, 2024 6:15 PM
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नई दिल्ली: पिछले साल अगस्त में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर इतिहास बनाने और दुनियाभर में भारत का परचम लहराने वाले चंद्रयान-3 को विश्व अंतरिक्ष पुरस्कार से नवाजा जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री महासंघ ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि है। चंद्रयान-3 को यह पुरस्कार 14 अक्तूबर को इटली के मिलान में होने वाले 75वें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री सम्मेलन के दौरान दिया जाएगा। भारत के अलावा, सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन ही अब तक चांद पर लैंड कर सके हैं।

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री महासंघ ने आज कहा कि इसरो का चंद्रयान-3 मिशन लागत प्रभावी इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक प्रयोग का अनूठा उदाहरण है। यह अंतरिक्ष में भारत की विशाल क्षमता का प्रतीक है। चांद की संरचना और भू-विज्ञान के अनदेखे पहुलओं को चंद्रयान-3 दुनिया के सामने लेकर आया है। भारत का चंद्रयान-3 मिशन एक वैश्विक उपलब्धि है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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