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पढ़ाई करने रूस गए राजस्थान के युवक को जबरन युद्ध में धकेला, हुई‌ मौत; सड़ा-गला शव भारत पहुंचा

On: December 18, 2025 4:46 PM
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बीकानेर: राजस्थान के बीकानेर जिले से एक ऐसी दर्दनाक खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। पढ़ाई के लिए रूस गए बीकानेर के एक नौजवान की रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच संदिग्ध हालात में मौत हो गई। जब बुधवार को युवक का शव उसके पैतृक गांव पहुंचा, तो गांव में मातम पसर गया और परिजन बदहवास हो उठे।

मृतक की पहचान बीकानेर जिले के अरजनसर गांव निवासी अजय गोदारा के रूप में हुई है। परिजनों का आरोप है कि अजय को पढ़ाई के नाम पर रूस बुलाया गया, लेकिन बाद में जबरन सेना की ट्रेनिंग देकर सीधे युद्ध के मैदान में उतार दिया गया।

शव की हालत देख कांप उठे परिजन

बुधवार को जब अजय का शव दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गांव लाया गया, तो उसकी हालत देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। परिजनों का कहना है कि शव पूरी तरह खराब हालत में था। चेहरा कुछ क्षण दिखाकर तुरंत ढक दिया गया। परिवार का दावा है कि मौत कई दिन पहले हो चुकी थी, इसी वजह से शव की स्थिति बेहद दयनीय थी।

परिजनों का यह भी आरोप है कि उन्हें अब तक यह स्पष्ट नहीं बताया गया कि अजय की मौत कब, कैसे और किन परिस्थितियों में हुई।

आखिरी कॉल और वो वीडियो, जिसने सब कुछ बदल दिया

अजय नवंबर 2024 में रूस के मास्को शहर में लैंग्वेज कोर्स की पढ़ाई के लिए गया था। परिजनों के अनुसार, उन्होंने अजय से आखिरी बार 22 सितंबर को बात की थी। उसी दौरान अजय ने दो वीडियो भेजे थे, जो आज भी परिवार के लिए सबसे बड़ा सदमा बने हुए हैं।

वीडियो में अजय रूसी सेना की वर्दी में नजर आ रहा था। उसने साफ शब्दों में कहा था, मुझे जबरन सेना की ट्रेनिंग में भेज दिया गया है। अब युद्ध में उतार रहे हैं। अगर मेरा फोन अब न आए, तो समझ लेना कि मेरी मौत हो गई।

इन शब्दों ने पूरे परिवार को अंदर तक तोड़ दिया था।

‘हमारे साथ धोखा हुआ’

परिजनों के मुताबिक, अजय ने बताया था कि उसे और अन्य भारतीय छात्रों को तीन महीने की ट्रेनिंग का झांसा देकर सीधे युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया। एक वीडियो में उसने कहा, हम चार लोग थे, एक वहीं मारा गया, दो भाग गए और मैं रास्ता भटक गया। आठ दिन बाद मेरी बटालियन ने मुझे ढूंढा।

दूसरे वीडियो में अजय ने बताया था कि वह यूक्रेन के उस इलाके में है, जिस पर रूस ने कब्जा कर रखा है, जहां लगातार मिसाइल और हवाई हमले हो रहे हैं।

‘यहां कोई सुनने वाला नहीं’ – रूसी सैनिकों की चेतावनी

परिवार का दावा है कि अजय के साथ 9 भारतीय छात्र और भी थे। जब उन्होंने युद्ध में जाने से इनकार किया, तो रूसी सैनिकों ने साफ कह दिया, आप यूक्रेन की जमीन पर हो, यहां कोई सुनने वाला नहीं है। परिवार से बात कर लो।

यही बातचीत परिवार के लिए सबसे बड़ा डर और सदमा बन गई।

10 दिसंबर को मिली मौत की सूचना

परिजनों के मुताबिक, 10 दिसंबर को रूस से फोन आया कि अजय की मौत हो चुकी है और शव भारत भेजा जा रहा है। इसके बाद परिवार ने हर स्तर पर मदद की गुहार लगाई। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी संपर्क किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

शव के साथ आई रूसी सेना की वर्दी ने परिवार के दर्द को और गहरा कर दिया।

सवालों के घेरे में विदेशी पढ़ाई का सपना

यह घटना एक बार फिर विदेशों में पढ़ने गए भारतीय छात्रों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। परिजन पूछ रहे हैं क्या पढ़ाई के नाम पर भेजे गए छात्रों को युद्ध में झोंकना जायज है? मौत कब और कैसे हुई, इसकी आधिकारिक जानकारी क्यों नहीं दी गई? शव इतनी खराब हालत में क्यों भेजा गया?


जीवन भर का दर्द

बीकानेर के इस बेटे की कहानी अब सिर्फ एक खबर नहीं रह गई है। यह उस परिवार का दर्द है, जिसने अपने सपनों का भविष्य खो दिया। अजय की मौत की सच्चाई क्या है, इसकी परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं, लेकिन परिवार के लिए यह जख्म शायद कभी नहीं भरेगा।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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