बक्सा: बुधवार, 15 अक्टूबर को असम के बक्सा जिले में जुबिन गर्ग की हत्या मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों को अदालत में पेश करने के दौरान भारी तनाव उत्पन्न हो गया। इस दौरान सैकड़ों लोग अचानक सड़क पर जमा हो गए और आरोपियों को ले जा रहे पुलिस काफिले पर पथराव शुरू कर दिया।
जुबिन गर्ग मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) बुधवार सुबह आरोपियों को अदालत में पेश करने के लिए जेल से ले जा रही थी। तभी उग्र भीड़ ने आरोपियों को पुलिस के हवाले करने की मांग करते हुए हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया। भीड़ ने मौके पर मौजूद पुलिस और नागरिकों के वाहनों को भी नुकसान पहुँचाया और कई वाहनों में आग लगा दी।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इसके बावजूद भीड़ तुरंत शांत नहीं हुई, जिसके कारण कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान दो प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में लोगों के दबाव के कारण उन्हें रिहा कर दिया गया।
पुलिस ने अंततः सभी पांच आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। न्यायिक हिरासत के बाद आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच फिर से बक्सा जेल ले जाया गया।
अधिकारियों के अनुसार, न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपियों में प्रमुख नाम हैं:
नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत, जुबिन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, जिन्हें 1 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। जुबिन का चचेरा भाई और असम पुलिस सेवा का निलंबित अधिकारी संदीपन गर्ग, जुबिन के निजी सुरक्षा अधिकारी नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य, जिन्हें 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
हिंसा और उपद्रव के बाद बक्सा जेल के आसपास और मुशालपुर शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। साथ ही भविष्य में किसी भी हिंसा को रोकने के लिए आरएएफ के जवानों को तैनात किया गया है। इंटरनेट सेवाओं को भी अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस ने कहा कि घटना की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और जांच जारी है।
जुबीन गर्ग के प्रशंसकों ने आरोपियों को ले जा रहे काफिले पर बोला हमला, भारी पथराव और आगजनी; कई पुलिसकर्मी घायल












