श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– पूर्वमंत्री सह भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य रामचन्द्र केशरी ने जिले के उपायुक्त को आवेदन देकर नगर उंटारी व सगमा प्रखंड के बीडीओ द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की जांच कराने तथा दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कराने की मांग किया है. उन्होंने कहा है कि जांच नही होने से भ्रष्टाचारियों का मनोबल बढ़ रहा है.मनरेगा में जिला व राज्य स्तर से आवंटित राशि के विरुद्ध प्रखंडों द्वारा अत्यधिक सामग्री की राशि का भुगतान किया गया है.दोनों प्रखंडों में 60अनुपात 40 से अधिक का एफटीओ बनाकर चहेते आपूर्तिकर्ताओं के खाते में अधिक राशि डाला गया है.आवेदन में उन्होंने कहा है कि उपायुक्त गढ़वा द्वारा अलग अलग तीन जांच टीम बनाई गई थी,लेकिन दो जांच टीम द्वारा आज तक जांच नही किया गया जबकि एक जांच टीम ने विधिवत जांच तो किया है,लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट जिला को समर्पित नही किया है.उन्होंने कहा कि हमे जिला प्रशासन पर पूरा विश्वास है कि उच्च स्तरीय जांच टीम गठित कर मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों को दंडित करने तथा दोनों प्रखंड की जनता को न्याय दिलाया जायेगा. उन्होंने कहा है कि उपविकास आयुक्त की अध्यक्षता में पुनः जांच टीम गठित किया जाय तथा जांच के पूर्व आवेदनकर्ताओं को जांच की तिथि व जांच स्थल की सूचना पत्र के माध्यम से दिलाया जाय. उन्होंने कहा कि पशु शेड व अन्य योजनाओं की राशि हड़पने वाले नगर उंटारी व सगमा बीडीओ को कुछ अधिकारी कब तक बचाते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि नगर उंटारी व सगमा बीडीओ द्वारा मनरेगा योजना में की गई गड़बड़ी की जांच के लिये उप विकास आयुक्त द्वारा छः सदस्यीय जांच टीम गठित किया गया था,जिसे 25 अप्रैल तक स्थल जांच करना था वहीं सगमा प्रखंड अंतर्गत संचालित सभी योजनाओं की जांच यथा मनरेगा,प्रधानमंत्री आवास,15वें वित्त की जांच के लिये14 व 15 जून की तिथि निर्धारित की गई थी,तथा पांच सदस्यीय जांच टीम बनाया गया था,लेकिन जांच आजतक नही किया गया.उन्होंने कहा कि जांच नही होने पर वे 14 जून को एसडीओ से मिले तो उन्हें जानकारी मिली कि अभी तक निदेशक डीआरडीए गढ़वा से जांच के लिये कोई सूचना प्राप्त नही है.जब वे अपने आवास पर लौटे तो उन्हें जानकारी दी गई कि डीआरडीए निदेशक आये हैं. तब मैंने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों व आवेदकों को सूचना देकर जांच किया जा सकता है.उन्होंने कहा कि बाद में हमे पता चला कि जांच टीम सगमा प्रखंड कार्यालय गई और बीडीओ से मिलकर वापस आ गई.आवेदन में उन्होंने कहा है कि उक्त दोनों बीडीओ के कारनामे दैनिक अखबारों में छपते रहते हैं. श्रवण कुमार जैसे बीडीओ जहां भी जाते है,हर जगह पिटाने का विडियो वायरल होते रहता है.क्या इससे सरकार व जिला प्रशासन की बदनामी नही हो रही है.