श्री बंशीधर नगर, (गढ़वा):– अनुमंडलीय न्यायालय नगर ऊंटारी के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय मनोज कुमार त्रिपाठी की अदालत ने मंगलवार को वर्ष 2011 में हुए चर्चित राजदेव यादव हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए पिपरी कला गांव के छह अभियुक्तों को उम्रकैद और आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा न करने पर दोषियों को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
सजा पाने वाले अभियुक्तों में परीखा यादव, शिवनारायण यादव उर्फ नन्हकू यादव, रामसुंदर यादव, पिंटू यादव उर्फ विनय यादव, सतीश यादव उर्फ प्रेमन यादव और सुरेन्द्र यादव शामिल हैं। सभी आरोपी विशुनपुरा थाना (पूर्व में नगर ऊंटारी थाना) अंतर्गत पिपरी कला गांव के निवासी हैं।
घटना का विवरण:
3 अगस्त 2011 को भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें राजदेव यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। इस घटना में सुकन यादव, सत्येंद्र यादव, राजकिशोर यादव, कुंती देवी और विमल यादव भी घायल हुए थे।
मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से बसंत यादव ने नगर ऊंटारी थाने में 19 लोगों के खिलाफ हत्या एवं अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस अनुसंधान के दौरान उपरोक्त छह अभियुक्तों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य पाए गए, जिसके आधार पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई।
न्यायिक प्रक्रिया:
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 14 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। बचाव एवं अभियोजन पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने छह अभियुक्तों को दोषी मानते हुए उन्हें आजीवन कारावास व आर्थिक दंड की सजा सुनाई।
पक्षकारों की भूमिका:
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी आशीष तिवारी ने प्रभावशाली ढंग से पैरवी की। वहीं बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गौतम कृष्ण सिन्हा उर्फ बुल्लू राजा, नवीनचंद्र सिंह एवं सुरेन्द्र पांडेय ने अभियुक्तों का पक्ष रखा।
न्याय का प्रतीक बना फैसला:
करीब 14 वर्षों की लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद आए इस फैसले ने पीड़ित परिवार को राहत दी है। यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास को और मजबूत करता है, साथ ही यह संदेश भी देता है कि कानून से बचना आसान नहीं।