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झारखंड के जेलों में गूंज‌ रहे छठी मैया के गीत, 56 बंदियों ने रखा है व्रत

On: October 26, 2025 10:14 AM
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रांची: झारखंड के विभिन्न जेलों में इन दिनों छठी मैया के गीत गूंज रहे हैं। राज्य भर की जेलों में कुल 56 बंदी इस वर्ष महापर्व छठ का व्रत कर रहे हैं। इनमें 25 महिला और 31 पुरुष कैदी शामिल हैं।

सबसे अधिक व्रती बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, रांची में हैं, जहां 8 पुरुष और 8 महिला कैदी श्रद्धा के साथ छठ का व्रत कर रहे हैं। जेल परिसर में ही इन व्रतियों ने भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा-अर्चना के लिए विशेष स्थल तैयार किया है।

कारा प्रशासन की ओर से व्रतियों को नए वस्त्र, नैवेद्य सामग्री और पूजा से जुड़ी सभी वस्तुएं उपलब्ध कराई गई हैं। जेल अधीक्षक की देखरेख में अर्घ्य अर्पण की विशेष व्यवस्था की गई है ताकि कैदियों को पूजा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो।

सुरक्षा और श्रद्धा दोनों को ध्यान में रखते हुए जेल परिसर में समुचित प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जिला प्रशासन और स्थानीय समितियों के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि व्रती कैदियों को परंपरा के अनुरूप पूजा करने में कोई परेशानी न हो।

अन्य जेलों में भी छठ की आस्था झूम रही है:

दुमका केंद्रीय कारा: 2 महिला कैदी व्रती

केंद्रीय कारा हजारीबाग: 5 महिला और 7 पुरुष

केंद्रीय कारा पलामू: 4 महिला और 6 पुरुष

मंडल कारा धनबाद: 4 महिला और 6 पुरुष

मंडल कारा चतरा: 2 पुरुष

मंडल कारा गिरिडीह: 1 पुरुष

मंडल कारा पाकुड़: 1 महिला

मंडल कारा साहिबगंज: 1 पुरुष

मंडल कारा चास: 1 महिला


हर जगह कारा अधिकारियों ने छठ पर्व को लेकर पूरी तत्परता दिखाई है। सूर्य उपासना के इस महापर्व ने जेल की दीवारों के भीतर भी आस्था, अनुशासन और सकारात्मकता का संदेश फैलाया है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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