कंधमाल: ओडिशा के कंधमाल जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हाथ लगी है। सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में सीपीआई (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी के सदस्य और 1.1 करोड़ रुपये के इनामी टॉप नक्सली नेता गणेश उइके समेत कुल 6 माओवादी मारे गए हैं। इस कार्रवाई को नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कदम माना जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इसे नक्सल-मुक्त भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘ओडिशा के कंधमाल में चलाए गए एक बड़े अभियान में केंद्रीय समिति के सदस्य गणेश उइके समेत छह नक्सलियों को मार गिराया गया है। इस बड़ी सफलता के साथ ओडिशा नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होने की कगार पर है। हम 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह मुठभेड़ ओडिशा पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) द्वारा एक गुप्त सूचना के आधार पर चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान हुई। जंगल में तलाशी के दौरान सुरक्षा बलों का सामना माओवादियों से हो गया, जिसके बाद दोनों ओर से भीषण गोलीबारी हुई। इस मुठभेड़ में 6 माओवादी मारे गए। ऑपरेशन में ओडिशा की स्पेशल फ़ोर्स SOG की 20 टीमें व सीआरपीएफ की 3 टीमें शामिल थीं।
मारे गए नक्सलियों में 69 वर्षीय गणेश उइके की पहचान की गई है, जिसे पक्का हनुमंतु, राजेश तिवारी, चमरू और रूपा जैसे कई नामों से जाना जाता था। वह तेलंगाना के नलगोंडा जिले के चेंडूर मंडल स्थित पुल्लेमाला गांव का निवासी था और ओडिशा में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन का प्रमुख माना जाता था। उसके सिर पर कुल 1.1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। गणेश उईके की 7 राज्यों में तलाश थी। नक्सलियों के खिलाफ एक बड़े ऑपरेशन में जवानों ने 2 महिला और 4 पुरुष सहित 6 नक्सलियों को मार गिराया है।
इसके अलावा, मुठभेड़ में मारे गए अन्य नक्सलियों की पहचान भाकपा (माओवादी) की क्षेत्र समिति सदस्य बारी उर्फ राकेश और दलम सदस्य अमृत के रूप में हुई है। दोनों छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे और इन पर कुल मिलाकर 23.65 लाख रुपये का इनाम था। घटनास्थल के पास से 2 अन्य महिला माओवादी कैडर का शव भी बरामद किया गया है, हालांकि उसकी पहचान अभी तक नहीं हो सकी है।
पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से दो नग INSAS राइफल, एक नग 303 रायफल, एक रिवॉल्वर और एक वॉकी-टॉकी सेट बरामद किया है। राहत की बात यह रही कि इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को कोई नुकसान नहीं हुआ। फिलहाल पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन को और तेज कर दिया गया है, ताकि किसी अन्य नक्सली की मौजूदगी की आशंका को खत्म किया जा सके।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि गणेश उइके के मारे जाने से ओडिशा और आसपास के इलाकों में माओवादी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है और इससे नक्सल गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगेगा।













