शुभम जायसवाल
गढ़वा: झारखंड के गढ़वा जिला में एक शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां पर दूल्हा एंबुलेंस से विवाह स्थल पर आया फिर स्ट्रेचर की मदद से उसे मंडप तक पहुंचाया गया। दूल्हे के इस जज्बे की हर तरफ जमकर तारीफ हो रही है। ऐसे तो अक्सर शादी में अपनी बारात लेकर जाने के लिए लोग महंगी गाड़ी, हाथी-घोड़े यहां तक कि हेलिकॉप्टर तक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन शायद ही किसी दूल्हे की बारात एंबुलेंस में पहुंचती हो और खुद दूल्हा को भी स्टेचर पर बैठा कर लाया गया हो। अब तक कई शाही शादियों के गवाह बन चुके गढ़वा जिला मुख्यालय अंतर्गत कांडी प्रखंड में ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला है। जो सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रहा है। दरअसल दूल्हा चंदेश की शादी को लेकर घर में धूमधाम से तैयारियां चल रही थी, इसी बीच शादी के 4 दिन पहले दूल्हे का वाहन दुर्घटनाग्रस्त में कूल्हा खिसकने व कुल्हा फैक्चर हो गया।

कांडी थाना अंतर्गत खुटहेरिया पंचायत के बेलोपाती गांव निवासी पुजारी सुदर्शन मिश्र के पुत्र चंद्रेश मिश्र की शादी पलामू जिला के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत पनेरीबांध गांव निवासी मिथिलेश मिश्र की बेटी प्रेरणा मिश्र के साथ तय हुई। 23 जून को तिलक एवं 25 जून को बारात की तिथि तय थी। शादी के अवसर पर दूल्हा अपनी नई- नई चमकती हुई स्विफ्ट डिजायर कार खरीदी थी। शादी से संबंधित खरीदारी के लिए 22 जून को स्वयं कार गाड़ी चला कर गढ़वा जा रहा था। उसी दिन दो बार अप – डाउन किया। लेकिन तीसरी बार जाने के क्रम में बोकया गांव में गाड़ी अनियंत्रित होकर पेड़ में जोरदार टक्कर मार दी। जिसमें स्टेरिंग टेढ़ा हो गया। लेकिन एयर बैग ने उनकी जान बचा दी। घटना के बाद स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया गया।


वाहन दुर्घटनाग्रस्त में दूल्हे का पैर का कुल्हा खिसकने के साथ-साथ फ्रैक्चर भी हो गया। इलाज के दरमियान चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद पैर में रॉड का सपोर्ट देकर कच्चा प्लास्टर कर ऑपरेशन की सलाह दी। इधर अगले दिन ही तिलक उत्सव था। परिजनों ने दिन आगे बढ़ाने की बात कही लेकिन जाबांज दुल्हे चंदेश ने अपनी तमाम परेशानियों को दरकिनार कर तय तिथि पर ही शादी करने का फैसला लिया। कहा की नियत समय पर सब होगा। अंततः शादी की तय तिथि में ही चन्देश घायल अवस्था में ही 23 जून को एक एंबुलेस मंगाकर चार लोगों के सहारा से मंडप में पहुंचा जहां उनका धूमधाम से तिलक चढ़ा। वही 25 जून को एंबुलेंस द्वारा पलामू जिला के शाहपुर के रिवर ब्लू होटल में बरात पहुंची वहां शुभ मुहूर्त में एंबुलेंस से स्ट्रेचर पर उठाकर दूल्हे को मंडप में लाया गया। मंडप में मौजूद ब्राह्मणों ने संक्षिप्त कर्मकांड के बीच शादी संपन्न कराया। मंडप में बैठे दूल्हा दर्द से कहर रहा था। लेकिन बेजार दूल्हा चंदेश ने प्रेरणा की मांग में सिंदूर भर सात जन्म तक साथ निभाने का संकल्प लिया।
