भास्कर उपाध्याय
• जिस देश की सीमा सुरक्षित नही वह समृद्ध देश नहीं हो सकता- अमित शाह
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• सीमा सुरक्षा बल के 59 वें स्थापना दिवस पर देश की सीमाओं के निष्ठावान एवं साहसी प्रहरियों को सलाम
हजारीबाग:- सीमा सुरक्षा बल के प्रशिक्षण केन्द्र, मेरु में सीमा सुरक्षा बल का 59वां स्थापना दिवस आज धूमधाम से मनाया गया। बीएसएफ मेरु के रानी झांसी बाई ग्राउंड में आयोजित रेजिंग डे परेड में मुख्यातिथि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह थे।
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवान दुर्गम भौगोलिक परिवेश में देश की सीमा रेखा पर तैनात होकर देश की सुरक्षा में डंटे रहते है, चाहे वह उतर भारत का माईनस 35 डिग्री तामपान हो या फिर 45 डिग्री प्रचंड गर्मी व गुजरात की दलदल। सीमा तट की बात हो तो बीएसएफ जवान अपनी ड्यूटी ईमानदारी व निष्ठपूर्वक करते हैं। इनकी इस कठिन ड्यूटी के कारण हम सभी देशवासी चैन से रह रहे हैं और यह हमारे लिए गर्व की बात है कि बीएसएफ जैसे बल हमारे देश के अगली पंक्ति में रहकर सुरक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस देश की सीमा सुरक्षित नही होती है उस देश का विकास अवरुद्ध हो जाता है और हमे आज गर्व है कि हमारे देश की सेना के जवान सीमा की सुरक्षा मुस्तैदी से कर रहे हैं। आज देश विश्व का पांचवीं बड़ी अर्थव्यस्था तक पहुंच चुका है और इसमें सेना की भूमिका सराहनीय है।
उन्होंने हजारीबाग की स्वतंत्रता सेनानी सरस्वती देवी, रामनारायण बाबू व जयप्रकाश नारायण को नमन करते हुए याद किया।
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गृह मंत्री ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा लागू ‘एक सीमा एक बल’ की नीति को अपनाते हुए बीएसएफ के जवान सीमा पर मुस्तैद रहते हुए अपनी कर्तव्य को बखूबी निभाते हुए दुश्मन के नाकाम इरादों को विफल करते आ रहे हैं। साथ ही साथ संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी अहम भूमिका निभा रहे है। देश की सीमाओं के निष्ठावान एवं साहसी प्रहरियों एवं उनके परिवार को सीमा सुरक्षा बल के 59वें स्थापना दिवस पर बधाई व शुभकामनाएं दी।
बाड़बंदी
गृह मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने केंद्र की सत्ता में आने के बाद से पिछले नौ वर्षों में भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमाओं के लगभग 560 किलोमीटर हिस्से में बाड़ लगाई है और घुसपैठ व तस्करी की आशंका वाली जगहों पर जरूरी इंतजाम किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत के पश्चिमी और पूर्वी मोर्चे पर इन दोनों सीमाओं पर केवल 60 किलोमीटर क्षेत्र में ‘कुछ छोटे-छोटे हिस्से’ ही बचे हैं जहां बाड़बंदी की जा रही है। शाह ने कहा कि अगले दो साल में हम इन दोनों सीमाओं को पूरी तरह सुरक्षित बना लेंगे।
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परेड में सीमा सुरक्षा बल की विभिन्न सीमाओं से चयनित सीमा प्रहरियों की टीम बनाई गई थी, जबकि परेड में 12 पैदल टीम ने मार्च पास्ट किया, जिसमें महिला प्रहरी टुकड़ी, सुसज्जित अधिकारी और सैनिक मुख्य रूप से शामिल थे। इसके अलावे ऊंट टुकड़ी और ऊंट बैंड, घुड़सवार टुकड़ियां, डॉग स्क्वाड और संचार टुकड़ी शामिल थी, जो बल द्वारा बनाई गई तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित कर रही थी। टीएसयू, सेनवॉस्टो, आईसीटी, एयर विंग और बीआईएएटी की झांकियां प्रदर्शित की गईं।
वहीं बंगलादेश की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के नन्हे मुन्ने बच्चों के द्वारा योग के आश्चर्यजनक कारनामे प्रस्तुत किए गए, बच्चों को बीएसएफ के द्वारा गोद लिया गया गया है। वहीं स्वान डॉग को नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मिशन को सफल बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इन प्रशिक्षित डॉग के कारनामें का भी प्रदर्शन कराया गया।
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मुख्य अतिथि ने ट्रॉफी देकर किया सम्मानित
गृहमंत्री ने बीएसएफ के उन बहादुर जवानों को जिन्होंने अपने ड्यूटी के दौरान अपने कर्तव्य को निभाते हुए शहीद हुए है उनके माता व उनकी पत्नी को वीरता के लिए पुलिस पदक देकर सम्मानित किया। जिसमें जमशेदपुर के रविशंकर दुबे की मां योगमाया देवी, धनबाद से शाहिद इशरेल की मां खैरुन निशा, छतीसगढ़ से टुनेश्वर यादव की पत्नी दीपा यादव, असम से बिपुल बाड़ा की पत्नी दीपा बाड़ा को गलेंट्री अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। साथ ही सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों को उनकी सेवाओं के लिए विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। असाधारण प्रदर्शन के लिए 16 बटालियन बीएसएफ को प्रतिष्ठित जनरल चौधरी ट्रॉफी प्रदान की गई।
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