रांची:- उपायुक्त रांची, श्री राहुल कुमार सिन्हा के निर्देशानुसार आज बुधवार को समाहरणालय ब्लॉक-ए सभागार में सिविल सर्जन (सदर) रांची, डॉ. प्रभात कुमार द्वारा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा (SLAC) को लेकर बैठक आयोजित किया गया। बैठक में जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी रांची, ए.पी.ए.ल सदस्य, स्वास्थ्य पदाधिकारी रांची, सदस्य डेमियन फाउंडेशन झारखण्ड रांची, डॉ गौतम एवं सम्बंधित सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।
सिविल सर्जन (सदर), डॉ. प्रभात कुमार द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि स्पर्श कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा (SLAC) 30 जनवरी से 13 फरवरी 2024 तक पुरे जिले में जोर-शोर से चलेगा। जिसमें अभियान के दौरान लोगों कुष्ठ रोग के बारें में जागरूक किया जाएगा। जिसमें एएनएम, सहिया और ग्रामीणों के साथ बैठक होगी। जिसमें कुष्ठ रोग से ठीक हो चुके मरीजों को सम्मानित किया जाएगा। कुष्ठ रोग के बारे में जो लोगों के बारें में जो गलत धारना है, उसे दूर करने का इसमें प्रयास किया जाएगा। इस रोग को दूर करने के लिए सबको अपनी साझेदारी निभानी है। इस रोग की लगातार स्क्रीनिंग होना जरुरी है, ताकि इसे दूर किया जा सकें। उन्होंने बताया की ज्यादा जानकारी के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल, जिला कुष्ठ अधिकारी एवं सहिया दीदी से संपर्क कर सकते है।
कुष्ठ रोग अभिशाप नही है
सिविल सर्जन (सदर), डॉ. प्रभात कुमार द्वारा विशेष रूप से कहा गया की कुष्ठ रोग अभिशाप या पूर्व जन्म का पाप नही है। यह रोग माइक्रो बैक्टीरियम लेप्री से होने वाला रोग है। यह अनुवांशिक रोग नही है। कुष्ठ रोग का मुख्य लक्षण त्वचा के रंग में बदलाव तथा संवेदना में कमी आना है, अस्पतालों में इसका ईलाज मुफ्त में किया जाता है।
कुष्ठ रोग के बारें विस्तृत जानकारी दी गई
बैठक में सदस्य डेमियन फाउंडेशन झारखण्ड रांची, डॉ गौतम ने कुष्ठ रोग के बारे में स्लाइड के माध्यम से विस्तृत जानकारी देते हुए इसकी पूरी जानकारी दी।
कुष्ठ रोग (हैनसेन रोग) (एच, डी)
👉एक दीर्घकालिक संक्रमण है जो बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम लेप्रे या माइकोबेक्टीरियम लेप्रोमेटोसिस के कारण होता है।
👉संक्रमण से नसों, श्वसन पथ, त्वचा और आंखों को नुकसान हो सकता है।
👉तंत्रिका क्षति के परिणामस्वरूप दर्द महसूस करने की क्षमता में कमी हो सकती है, जिसके कारण बार-बार चोट लगने या अज्ञात घावों के माध्यम से संक्रमण के कारण व्यक्ति के हाथ-पैर के कुछ हिस्से नष्ट हो सकते हैं।
👉कुष्ठ रोग के लक्षण एक वर्ष के भीतर शुरू हो सकते हैं, 5-7 वर्ष लेकिन, कुछ लोगों में, लक्षण प्रकट होने में 20 साल या उससे अधिक का समय भी लग सकता।
कुष्ठ रोग बैक्टीरिया
ये माइकोबैक्टीरियम लेप्रे के कारण होता है। बैक्टीरिया कुष्ठ रोग वाले लोगों के साथ लंबे संपर्क से फैलता है। आपको कुष्ठ रोग केवल लापरवाही से छूने या बीमारी वाले किसी व्यक्ति के पास से गुजरने से नहीं होता है। इसके अलावा, आर्मडिलोस से कुष्ठ रोग हो सकता है।
कुष्ठ रोग के लक्षण
चकत्ते और उभार दिखाई देते हैं, प्रभावित क्षेत्र सुन्न हो जाते हैं और मांसपेशियाँ कमज़ोर हो सकती हैं।
कुष्ठ रोग को दूर करने को लेकर प्रतिज्ञा
बैठक में सिविल सर्जन एवं सभी सम्बंधित पदाधिकारी ने कुष्ठ रोग को दूर करने को लेकर प्रतिज्ञा लिया। “हम राँची जिले के लोग और जिला प्रशासन, “विकसित भारत अभियान” के मौके पर, यह घोषणा करते हैं कि, हम अपने जिले को कुष्ठ रोग से मुक्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कुष्ठ रोग का निदान करना आसान है और इसका इलाज संभव है। हम कुष्ठ रोग के सभी मामलों को यथाशीघ्र खोजने के लिए सभी प्रयास करेंगे और हम जिले में उपलब्ध सभी संभावित संसाधनों का उपयोग करेंगे। साथ ही, हम कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करेंगे और दूसरों को भी करने की अनुमति नहीं देंगे। हम व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के खिलाफ कलंक और भेदभाव को समाप्त करने के लिए काम करेंगे और उन्हें मुख्यधारा में लाने में योगदान देंगे। हम सभी “कलंक को समाप्त करने, गरिमा को अपनाने के लिए “कलंक और भेदभाव के प्रति शून्य सहिष्णुता की प्रतिज्ञा करते हैं।“
स्पर्श कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा को लेकर संदेश
उपायुक्त रांची, श्री राहुल कुमार सिन्हा द्वारा सभी रांची जिला वासियों को संदेश देते हुए कहा की, हम रॉची जिले के लोग और प्रशासन “विकसित भारत अभियान’ के मौके पर यह घोषणा करते हैं कि, हम अपने जिले को कुष्ठ मुक्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कुष्ठ रोग का निदान करना आसान है और इसका इलाज संभव है। हम कुष्ठ रोग के सभी मामलों को जल्दी खोजने के लिए सभी प्रयास करेंगे और हम जिले में उपलब्ध सभी सम्भावित संसाधनों का उपयोग करेंगे। साथ ही, हम कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्यों के साथ किसी भी प्रकार का भेद भाव नहीं करेंगे और दूसरों को भी करने की अनुमति नहीं देंगे। हम व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्ति के खिलाफ कलंक और भेदभाव को समाप्त करने के लिए काम करेंगे और उन्हें मुख्यधारा में लाने में योगदान देंगे। हम सभी “कलंक को समाप्त करें, गरिमा को अपनाना” के लिए “कलंक और भेदभाव के प्रति शून्य सहिष्णुता की प्रतिज्ञा करते हैं।