Sunday, July 27, 2025

हाई कोर्ट से नीतीश सरकार को बड़ा झटका,एससी एसटी ईबीसी व अन्य पिछड़े वर्गों को 65 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून रद्द

ख़बर को शेयर करें।

पटना: पटना हाई कोर्ट से बिहार की नीतीश सरकार को बहुत बड़ा झटका लगने की खबर है।हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों व सरकारी नौकरियों में एससी,एसटी,ईबीसी व अन्य पिछड़े वर्गों को 65 फीसदी आरक्षण देने के कानूनी फैसले को रद्द कर दिया है।

हाई कोर्ट राज्य सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों व सरकारी नौकरियों में एससी,एसटी,ईबीसी व अन्य पिछड़े वर्गों को 65 फीसदी आरक्षण देने के कानून को चुनौती देने वाली याचिकायों को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार के द्वारा लाये गये कानून को रद्द करते हुए बड़ा झटका दिया।

इस मामलें में गौरव कुमार व अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर फैसला 11मार्च, 2024 को सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया।चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ गौरव कुमार व अन्य याचिकाओं पर लम्बी सुनवाई की थी।

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने बहस की।उन्होंने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने ये आरक्षण इन वर्गों के पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण दिया था।रज्य सरकार ने ये आरक्षण अनुपातिक आधार पर नहीं दिया था।

इन याचिकाओं में राज्य सरकार द्वारा 9 नवंबर,2023 को पारित कानून को चुनौती दी गई थी । इसमें एससी,एसटी,ईबीसी व अन्य पिछड़े वर्गों को 65 फीसदी आरक्षण दिया गया था,जबकि सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए मात्र 35 फीसदी ही पदों पर सरकारी सेवा में दिया जा सकता था।

अधिवक्ता दीनू कुमार ने पिछली सुनवाईयों में कोर्ट को बताया था कि सामान्य वर्ग में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण रद्द करना भारतीय संविधान की धारा 14 और धारा 15(6)(b) के विरुद्ध है।

उन्होंने बताया था कि जातिगत सर्वेक्षण के बाद जातियों के अनुपातिक आधार पर आरक्षण का ये निर्णय लिया,न कि सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आधार पर ये निर्णय लिया।

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा स्वाहनी मामलें में आरक्षण की सीमा पर 50 प्रतिशत का प्रतिबंध लगाया था।जातिगत सर्वेक्षण का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के फिलहाल लंबित है।

इसमें ये सुप्रीम कोर्ट में इस आधार पर राज्य सरकार के उस निर्णय को चुनौती दी गई, जिसमें राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ा कर 65 फीसदी कर दिया था।

इससे राज्य सरकार को इन वर्गों के लिए आरक्षण को सीमा पचास फी सदी से बढ़ा कर पैसठ फी सदी किये जाने के निर्णय को कोर्ट ने रद्द कर दिया।

Video thumbnail
कांके विधायक सुरेश बैठा को मिली बड़ी जिम्मेवारी, अखिल भारतीय धोबी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बने
04:46
Video thumbnail
खरकाई/स्वर्णरेखा रौद्र रूप में,बागबेड़ा में 500 घर जलमग्न,एनडीआरएफ राहत बचाव में जुटी,ऐतिहासिक बाढ़
02:49
Video thumbnail
भाजयुमो ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंका
01:08
Video thumbnail
सड़क पर जलजमाव से नाराज़ ग्रामीणों ने की धान रोपाई
01:10
Video thumbnail
अटल मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा नाम रखने पर पर भाजपाइयों ने किया , कड़ा विरोध
06:36
Video thumbnail
कांग्रेस भवन में नए पदाधिकारियों का स्वागत समारोह
04:41
Video thumbnail
चिनिया रोड स्थित डिज्नीलैंड मेले का भव्य शुभारंभ, एक माह तक चलेगा रंगारंग आयोजन
02:14
Video thumbnail
जमीन कब्जाने के खिलाफ पुलिस प्रशासन नेता किसी ने न ली सुध,पहुंचे कांग्रेसी चंदन के पास देखें वो क्या
03:28
Video thumbnail
डॉक्टरेट नहीं, राजनीतिक इनाम है ये!" | रघुवर दास को मानद उपाधि पर JMM का हमला
02:33
Video thumbnail
गढ़वा जिले से निकला एक और सितारा… जिसने मेहनत, हौसले और संघर्ष से इतिहास रच दिया
02:22
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Related Articles

- Advertisement -

Latest Articles