ख़बर को शेयर करें।

Bengaluru: बेंगलुरु में AI इंजीनियर के सुसाइड का मामला सामने आया है। 34 साल के अतुल सुभाष ने पत्नी और सास पर पैसों के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए सुसाइड कर लिया। सुभाष का शव मंजूनाथ लेआउट क्षेत्र में स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका मिला. उनके कमरे में एक तख्ती भी लटकी मिली जिसमें लिखा था ‘‘न्याय मिलना बाकी’’ है। उन्होंने 1:20 घंटे का वीडियो और 24 पेज का लेटर भी जारी किया। जिसमें लिखा- मेरे पास आत्महत्या के सिवा कोई उपाय नहीं बचा है। इंजीनियर की ससुराल जौनपुर में है। अतुल के भाई बिकास कुमार ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी। इसी के आधार पर पुलिस ने पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), धारा 3(5) (जब दो या ज्यादा लोग शामिल हों तो सामूहिक जिम्मेदारी बनती है) का केस दर्ज किया है।

पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में काम करने वाले अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने शादी के बाद जारी तनाव और उसके खिलाफ दर्ज कई मामलों तथा उसकी पत्नी, उसके रिश्तेदार एवं उत्तर प्रदेश की एक महिला जज द्वारा प्रताड़ित किए जाने का विस्तृत विवरण दिया है। अतुल ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर की एक जज पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। अतुल ने कहा कि मेरी पत्नी ने ये केस सेटल करने के लिए पहले 1 करोड़ रुपए की डिमांड की थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए कर दिया। उन्होंने कहा कि जब इस 3 करोड़ रुपए की डिमांड के बारे में उन्होंने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज को बताया तो उन्होंने भी पत्नी का साथ दिया। अतुल ने कहा कि मैंने जज को बताया कि NCRB की रिपोर्ट बताती हैं कि देश में बहुत सारे पुरुष झूठे केस की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं, तो जज ने मुझे कहा कि तुम आत्महत्या क्यों नहीं कर लेते हो। इतना कहकर जज हंस पड़ी और कहा कि ये केस झूठे ही होते हैं। तुम परिवार के बारे में सोचो और केस को सेटल करो। मैं केस सेटल करने के 5 लाख रुपए लूंगी।

अतुल ने 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने अपनी आपबीती बताई थी। अतुल ने ये भी मांग की थी कि अगर मुझे प्रताड़ित करने वाले बरी हो जाएं तो अस्थियां कोर्ट के बाहर गटर में बहा दी जाएं। वीडियो में उन्होंने उन सभी परिस्थितियों का जिक्र किया, जिसके कारण उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो में सुभाष यह कहते हुए नजर आ रहे हैं, ‘‘मुझे लगता है कि आत्महत्या कर लेनी चाहिए क्योंकि मैं जो रुपये कमा रहा हूं उससे मेरे दुश्मन और मजबूत हो रहे हैं। उन्हीं रुपयों का इस्तेमाल मुझे बर्बाद करने के लिए किया जा रहा है और यह चक्र यू हीं चलता रहेगा। मेरे द्वारा चुकाए गए करों से प्राप्त धन से यह न्यायालय और पुलिस व्यवस्था मुझे, मेरे परिवार को और अन्य सज्जन लोगों को परेशान करेगी।”

पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सुभाष का अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक कलह था और उसकी पत्नी ने सुभाष के खिलाफ उत्तर प्रदेश में मामला दर्ज कराया था। अधिकारी ने बताया कि सुभाष ने अपना सुसाइड नोट कई लोगों को ईमेल के जरिए भेजा तथा उसे एक व्हॉट्सऐप समूह पर भी साझा किया था, जिससे वह जुड़ा हुआ था। सुभाष ने सुसाइड नोट में आग्रह किया कि उसके बच्चे का लालन-पालन उसके माता-पिता को सौंपा जाए। सुभाष ने सुसाइड नोट में बताया कि 2019 में उसने शादी की थी और अगले साल उसका एक बेटा हुआ। उसकी पत्नी के परिजन उन्हें (सुभाष) बार-बार रुपयों के लिए परेशान करते थे और लाखों रुपये मांगते थे और जब उन्होंने रुपये देने से इनकार कर दिया तो उनकी पत्नी कथित तौर पर 2021 में बेटे के साथ घर छोड़कर चली गई। सुभाष ने आरोप लगाया, ‘‘मेरी पत्नी मेरे बच्चे को अलग रखेगी और मुझे, मेरे बुजुर्ग माता-पिता तथा मेरे भाई को परेशान करने के लिए और भी मामले दर्ज कराएगी। मैं गुजारा भत्ता के लिए उसे जो पैसे देता हूं वह उसका इस्तेमाल हमारे बच्चे के कल्याण के बजाय मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।”

अतुल ने लेटर में राष्ट्रपति के नाम भी नोट लिखा है। अतुल सुभाष ने 24 पेज के लेटर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम भी संबोधन लिखा। इसमें उन्होंने देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की खामियों के बारे में लिखा और पुरुषों के खिलाफ झूठे केस दर्ज कराने के ट्रेंड के बारे में बताया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *