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बैंक का अजीब रिकवरी प्लान, EMI नहीं दी तो पत्नी को बना लिया बंधक

On: July 30, 2025 12:45 PM
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झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद में एक प्राइवेट बैंक की किस्त वसूलने का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरत में डाल दिया। जब बैंक की किस्त नहीं जमा हुई, तो बैंक ने किस्त के बदले पत्नी को ही जमा करवा लिया। लोन की किस्त न चुकाने के आरोप में महिला को 5 घंटे तक बैंक में बैठाया गया। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और महिला को मुक्त कराया।

मामला ग्राम बम्हरौली के आजाद नगर मोहल्ले में स्थित एक प्राइवेट समूह लोन देने वाले बैंक का है। यहां बाबई रोड, पूंछ निवासी रविंद्र वर्मा की पत्नी पूजा वर्मा को सोमवार दोपहर 12 बजे से बैंक के अंदर कथित रूप से जबरन बैठाकर रखा गया। पति जब बैंक पहुंचा तो साफ जवाब मिला- पैसे दो, तभी बीवी मिलेगी। रविंद्र ने लाख मिन्नतें कीं, लेकिन बैंक कर्मचारियों ने कोई दया नहीं दिखाई। आखिर थक-हारकर उसने डायल 112 पर कॉल की। पुलिस के पहुंचते ही बैंक कर्मचारियों के चेहरे का रंग उड़ गया और आनन-फानन में महिला को मुक्त कराया गया।

पीड़िता पूजा वर्मा ने कोतवाली मोंठ में दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया कि उसने 40,000 रुपये का लोन लिया था। अब तक 11 किश्तें जमा कर चुकी है। लेकिन बैंक रिकॉर्ड में केवल 8 किश्तें दिख रही हैं। आरोप है कि बैंक एजेंट कौशल और धर्मेंद्र ने उसकी तीन किश्तें हड़प लीं। साथ ही उसने बताया कि बैंक के सीओ संजय यादव सोमवार को उनके घर पहुंचा और धमकी भरे अंदाज में रकम मांगने लगा। मना करने पर पति-पत्नी को जबरन बैंक लाकर घंटों बैठा दिया गया। बैंक मैनेजर अनुज कुमार निवासी कानपुर देहात ने कहा कि महिला 7 महीने से किश्त नहीं दे रही थी, इसलिए उसे बुलाया गया था। उन्होंने दावा किया कि महिला अपनी मर्जी से बैंक में बैठी थी। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बैंक स्टाफ, एजेंट और पीड़ित पक्ष से पूछताछ जारी है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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कानपुर का “I Love Mohammad” विवाद : पोस्टर से भड़की बड़ी बहस
कानपुर शहर हाल ही में एक पोस्टर विवाद की वजह से सुर्खियों में आ गया। मामला तब शुरू हुआ जब शहर के एक इलाके में बिना अनुमति “I Love Mohammad” लिखे बैनर और पोस्टर लगाए गए। यह पोस्टर कुछ ही समय में चर्चा का विषय बन गए और कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर आपत्ति जताई। विरोध बढ़ने पर पुलिस ने बैनर हटवाया और मामले की जांच शुरू की।
प्रशासन का कहना है कि यह विवाद असल में “बिना अनुमति बैनर लगाने” का है, लेकिन इसे धर्म से जोड़कर फैलाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की अफवाह या नफरत फैलाने वाले काम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शांति व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
यह विवाद कानपुर तक सीमित नहीं रहा। धीरे-धीरे इसकी आंच उन्नाव, बरेली और यहां तक कि उत्तराखंड तक पहुंच गई। वाराणसी में साधु-संतों ने इसका जवाब “I Love Mahadev” पोस्टर लगाकर दिया। इस तरह मामला एक “पोस्टर वार” में बदल गया, जिससे समाज में तनाव की स्थिति पैदा होने लगी।
मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की भड़काऊ गतिविधि को रोकने की अपील की। वहीं, कुछ सामाजिक संगठनों ने भी कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान होना चाहिए और ऐसे विवादों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
यह पूरा घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि छोटे-छोटे मुद्दे भी अगर सही समय पर नियंत्रित न किए जाएं तो वे बड़े विवाद का रूप ले सकते हैं। समाज को चाहिए कि आपसी भाईचारे और सद्भाव को बनाए रखते हुए ऐसे मामलों से दूरी बनाए।

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