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दिल्ली: कथित वाटर फ्रॉड के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया।जैसे ही निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 11 अगस्त को चुनाव आयोग के दफ्तर के लिए निकला इसी दौरान पुलिस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, शरद पवार समेत कई वरिष्ठ नेता संसद को पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया और हिरासत में ले लिया है। पुलिस का कहना है कि मार्च के लिए कोई औपचारिक अनुमति नहीं दी गई थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह करीब 11:30 बजे विपक्षी सांसदों ने संसद भवन के मकर द्वार से मार्च शुरू किया, जो ट्रांसपोर्ट भवन होते हुए निर्वाचन सदन (EC मुख्यालय) तक जाना था। हालांकि, पुलिस ने जुलूस को आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान विपक्षी नेताओं ने नारेबाजी की और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए।

आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, “अगर आप सांसदों से मिलने से भी जगह के बहाने इनकार करते हैं, तो यह बताता है कि आप किस तरह का काम कर रहे हैं। यह (SIR) एक धोखा है। आप वर्गीकृत डेटा नहीं दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद चुनाव आयोग का अड़ियल रवैया जारी है…”

विपक्ष का जबरदस्त हंगामा

जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई, कांग्रेस समेत विपक्षी सांसद नारेबाजी करते हुए खड़े हो गए और पोस्टर-प्लकार्ड दिखाने लगे। स्पीकर ओम बिड़ला ने पहले प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से जुड़े सवालों पर चर्चा की अनुमति दी। लेकिन हंगामे के बीच करीब 10 मिनट बाद उन्होंने सदन को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया।

ओम बिड़ला ने कहा कि विपक्ष पिछले 14 दिनों से सुनियोजित तरीके से सदन की कार्यवाही बाधित कर रहा है। विपक्ष की मांग है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा किए गए SIR पर तुरंत चर्चा हो।

विपक्षी दलों का आरोप है कि बिहार में SIR के नाम पर मतदाता सूची में हेरफेर हो रहा है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग ने पारदर्शिता नहीं बरती और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद सभी आवश्यक आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए। INDIA ब्लॉक की मांग है कि चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को रोककर पारदर्शी तरीके से मतदाता सूची की पुनर्समीक्षा करे।

दिल्ली पुलिस ने विपक्ष का मोर्चा क्यों रोका ?

इस बीच, चुनाव आयोग ने जगह की कमी का हवाला देते हुए विपक्ष के केवल 30 प्रतिनिधियों को मिलने की अनुमति दी है। आयोग ने इन नेताओं के नाम और उनके वाहनों का विवरण भी मांगा है। कांग्रेस पार्टी के अनुरोध पर यह मुलाकात सोमवार दोपहर 12 बजे तय की गई है।

चुनाव आयोग सचिवालय ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को लिखे पत्र में कहा कि उनके द्वारा “कुछ राजनीतिक दलों की ओर से” किए गए अनुरोध पर विचार कर मुलाकात का समय दिया गया है। हालांकि, आयोग की चिट्ठी में बैठक का एजेंडा स्पष्ट नहीं किया गया है।

इससे पहले विपक्षी सांसद संसद परिसर के मकर द्वार से निर्वाचन आयोग की ओर मार्च के लिए निकले थे। लेकिन दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मार्च के लिए कोई औपचारिक अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए नेताओं को आगे बढ़ने से रोक दिया गया। वहीं कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने इस मौके पर चुनाव आयोग की आलोचना की और INDIA गठबंधन के मार्च की तुलना महात्मा गांधी के ऐतिहासिक दांडी मार्च से की।