जम्मू कश्मीर:देश के पहाड़ वाले इलाकों में बदल फटने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। हिमाचल उत्तराखंड और अब खबर आ रही है कि जम्मू कश्मीर में भी बादल बादल फटी है और इस घटना से जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भारी तबाही मची है जिसमें 10 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मचैल माता यात्रा मार्ग पर स्वतंत्रता दिवस के पूर्व 14 अगस्त 2025 को बड़ा हादसा हो गया। यहां बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। यह हादसा पड्डर सब-डिवीजन के चिशोती (चोसिटी) गांव में मचैल माता मंदिर के पास हुआ, जिसके कारण कम से कम 10 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।बादल फटने से इलाके में अचानक बाढ़ जैसे हालात बन गए, और एक लंगर बह जाने की खबर है। जिला प्रशासन, सेना, पुलिस, NDRF, और SDRF की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं।
बादल फटने से भारी तबाही!
आज तड़के किश्तवाड़ के चिशोती क्षेत्र में बादल फटने की घटना ने नदियों को उफान पर ला दिया। मचैल माता यात्रा का यह मार्ग तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है, और इस समय यात्रा चल रही थी, जिसके कारण कई तीर्थयात्री और स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं। शुरुआती रिपोर्ट्स में कई लोगों के लापता होने की बात सामने आई है। एक लंगर के बह जाने और हाईवे के क्षतिग्रस्त होने की खबर ने स्थिति की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।
प्रशासन और बचाव दल हरकत में
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया, ‘चिशोती क्षेत्र में बादल फटने से अचानक बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जो मचैल माता यात्रा का शुरुआती बिंदु है। बचाव अभियान तुरंत शुरू कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि प्रशासन नुकसान का आकलन कर रहा है और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।केंद्रीय राज्य मंत्री और उधमपुर सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा से तत्काल संदेश मिलने के बाद मैंने उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की। चिशोती में बादल फटने से भारी जनहानि की आशंका है। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है, और बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं।’
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस घटना पर दुख जताया। उन्होंने X पर लिखा, ‘किश्तवाड़ के चिशोती में बादल फटने से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सिविल, पुलिस, सेना, NDRF, और SDRF अधिकारियों को बचाव और राहत अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए हैं।’मचैल माता यात्रा, जो 25 जुलाई 2025 से शुरू हुई और 5 सितंबर तक चलेगी, किश्तवाड़ के पड्डर क्षेत्र में 9,705 फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक जाती है। यह मंदिर नीलम की खदानों और अपनी आध्यात्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है। इस साल यात्रा में प्रतिदिन 8,000 तीर्थयात्रियों को अनुमति दी गई थी, जिसमें 6,000 ऑनलाइन और 2,000 ऑफलाइन पंजीकरण शामिल हैं। यात्रा के दौरान चिकित्सा, स्वच्छता, और सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत किया गया था।हालांकि, इस प्राकृतिक आपदा ने यात्रा को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा ने कहा, ‘हमें अभी सटीक आंकड़े नहीं मिले हैं, लेकिन मचैल माता यात्रा मार्ग पर यह घटना भारी नुकसान पहुंचा सकती है।’जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के लिए सेना, NDRF, और SDRF की टीमें तैनात की हैं। चिशोती के दुर्गम इलाके और बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों ने बचाव कार्य को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। उपायुक्त ने बताया कि चिकित्सा सुविधाएं और आपातकालीन सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार इस स्थिति पर नजर रखे हुए हैं, और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
किश्तवाड़ में बादल फटने की इस घटना ने मचैल माता यात्रा को गहरा झटका दिया है। कम से कम 10 लोगों के मारे जाने की आशंका और कई लोगों के लापता होने की खबर ने स्थानीय समुदाय और तीर्थयात्रियों में दहशत पैदा कर दी है। प्रशासन का त्वरित बचाव अभियान और केंद्र सरकार की सक्रियता इस आपदा से निपटने में महत्वपूर्ण होगी। यह घटना एक बार फिर जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति तैयारियों की जरूरत को रेखांकित करती है।