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झारखंड की जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे 51 कैदी होंगे रिहा, सीएम हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी

On: August 22, 2025 7:18 PM
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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 35वीं बैठक आयोजित हुई। बैठक में राज्य के विभिन्न कारागारों में आजीवन सजा काट रहे 51 कैदियों को रिहा करने पर सहमति बनी।

37 नए मामले और 66 पुराने मामलों पर पुनर्विचार

बैठक में रिहाई से जुड़े 37 नए मामलों के साथ-साथ उन 66 कैदियों के मामलों पर भी पुनर्विचार किया गया, जिन्हें पिछली बैठकों में अस्वीकृत कर दिया गया था। प्रत्येक कैदी की फाइल पर गंभीरता से विचार करते हुए अपराध की प्रवृत्ति, न्यायालयों की टिप्पणियां, संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक एवं प्रोबेशन अधिकारियों के मंतव्य की समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री ने रिहाई के लिए अनुशंसित कैदियों की उम्र, पारिवारिक स्थिति, सामाजिक एवं शैक्षणिक परिस्थितियों पर भी विस्तृत जानकारी ली। सभी बिंदुओं पर गहन विचार के बाद 51 कैदियों को रिहा करने का निर्णय लिया गया।

अच्छे आचरण वाले कैदी होंगे रिहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कैदी जो 14 वर्ष या उससे अधिक समय से जेल की सजा काट रहे हैं, जिनकी उम्र अधिक हो गई है और जिनका आचरण जेल में संतोषजनक रहा है, उन्हें रिहाई दी जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन कैदियों को रिहाई के बाद समाज में बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित करें।

बीमार एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ कैदियों पर विशेष ध्यान

बैठक में चर्चा हुई कि कुछ कैदी बीमार हैं या मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। ऐसे मामलों के लिए एक विशेष कार्ययोजना बनाकर उन्हें शारीरिक एवं मानसिक चिकित्सा उपलब्ध कराई जाएगी। डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर ही उनकी रिहाई पर अंतिम निर्णय होगा ताकि वे रिहाई के बाद सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।

रिहा कैदियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा जाएगा

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि रिहा होने वाले सभी कैदियों को राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से हर हाल में जोड़ा जाए।


वर्ष 2019 से अब तक 619 कैदियों को रिहा किया गया है, जिनमें से 558 कैदियों का भौतिक सत्यापन हो चुका है और 61 कैदियों का सत्यापन शेष है। इनमें से 470 कैदियों को वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, ई-श्रम कार्ड जैसी योजनाओं से लाभान्वित किया गया है। शेष कैदियों को भी शीघ्र ही इन योजनाओं से जोड़े जाने की प्रक्रिया जारी है।

बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी विधि (न्याय) नीरज कुमार श्रीवास्तव, महानिरीक्षक कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं सुदर्शन प्रसाद मंडल, न्यायिक आयुक्त अनिल कुमार मिश्रा, प्रधान प्रोवेशन पदाधिकारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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