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नेपाल,फ्रांस के बाद अब ब्रिटेन में भी बवाल!प्रदर्शनकारियों व पुलिस में झड़प, 26 पुलिसकर्मी घायल, चार गंभीर

On: September 14, 2025 10:55 AM
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एजेंसी:नेपाल और फ्रांस के बाद अब ब्रिटेन में भी बवाल की खबर आ रही है। जहां लाखों की तादाद में लोगों ने ‘यूनाइटेड द किंगडम’ रैल निकाली। इस रैली को ब्रिटेन में दक्षिण पंथी सबसे बड़ी रैली माना जा रहा है। इसी दौरान लंदन के व्हाइट हॉल के पास प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प भी हुई, जिसमें 26 पुलिसवाले घायल हो गए, 4 की हालत गंभीर है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेतृत्व एंटी इमिग्रेशन नेता टॉमी रॉबिन्सन के नेतृत्व में यह रैली शनिवार को निकाली गई जिसमें 1 लाख से अधिक लोग शामिल थे। यूनाइट द किंगडम मार्च के दौरान ही लंदन के व्हाइट हॉल में स्टैंड अप टू रेसिज्म नाम का प्रदर्शन चल रहा था, जिसमें 5,000 लोग शामिल थे. पुलिस व्हाइट हॉल में जुटे 5 हजार प्रदर्शनकारियों को लाखों की भीड़ से अलग रखने की कोशिश कर रही थी, तभी झड़प हुई. कई पुलिसवालों के दांत-नाक टूट गए और सिर में गंभीर चोटें आईं, हिंसा में शामिल 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस उपद्रव में शामिल बाकी लोगों की भी पहचान कर रही है.

प्रदर्शन की वजह क्या थी?

प्रदर्शनकारी ब्रिटेन में अवैध अप्रवासन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. इनकी मांग है कि अवैध अप्रवासियों को देश से बाहर किया जाए. इस साल 28 हजार से ज्यादा प्रवासी इंग्लिश चैनल के रास्ते नावों से ब्रिटेन पहुंचे हैं. प्रदर्शन में शामिल लोग अवैध अप्रवासियों को शरण दिए जाने के खिलाफ हैं. हाल ही में एक इथियोपियाई अप्रवासी ने 14 साल की लड़की का यौन उत्पीड़न किया था, जिसने लोगों के गुस्से को और बढ़ावा दिया है. सरकार और पुलिस पर आरोप कि वे अवैध आव्रजन पर नकेल कसने में असफल हैं.

अब आगे क्या होगा?

इस प्रदर्शन की वजह से इमिग्रेशन नियमों को लेकर राजनीतिक चर्चा को फिर से तेज हो गई है. सरकार पर अवैध आव्रजन को रोकने के लिए कठोर फैसले लेने का दबाव है. विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे को लेकर अपनी-अपनी रणनीतियां बना सकती हैं. अगर सरकार ने आव्रजन नीति को लेकर कोई ठोस फैसला नहीं लिया, तो भविष्य में और भी बड़े प्रदर्शन हो सकते हैं.

कौन हैं टॉमी रॉबिन्सन?

टॉमी रॉबिन्सन ब्रिटेन के सबसे प्रभावशाली लेकिन विवादास्पद दक्षिणपंथी नेताओं में से एक हैं. उनका असली नाम स्टीवेन क्रिस्टोफर यारवेल. वह मुख्य रूप से अपनी आव्रजन-विरोधी और इस्लाम विरोधी गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं.

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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