लक्ष्मी का सदैव सदुपयोग करें,गलत तरीके से आयी लक्ष्मी उपद्रवकारी होती हैं : जीयर स्वामी

ख़बर को शेयर करें।

पुरे संसार में उपद्रव का कारण है माया – जीयर स्वामी।

शुभम जायसवाल

श्री बंशीधर नगर(गढ़वा):– श्रीमद् भागवत कथा सुनाते हुए श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी प्रप्नण जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा माया दो प्रकार की होती है। एक जड़ माया एक चेतन माया। सोना, चांदी, रूपया पैसा, पृथ्वी, जल, आकाश, वायु, आकाश यह जड़ माया है। संसार की माताएं चेतन माया है। यही दोनो माया के कारण पुरे दुनिया में उपद्रव है। किसी का खेत दखल कर ले किसी का खलिहान दखल कर ले, कहीं राष्ट्र सीमा में दखल हो रहा है, कहीं समुद्री सीमा में, किसी का पठारी क्षेत्र दखल कर ले, किसी का पर्वतीय क्षेत्र यही जड़ माया है। एक माया जड़ होता है। दुसरा माया चेतन होती है। जिसके कारण माताओ के आबरू से खिलवाड़ होता है। इन दोनो के द्वारा दुनिया में उपद्रव है। इन दोनो के द्वारा काम भी नही चलेगा। पुरे संसार में इन दोनो के द्वारा ही उपद्रव है।

भोगवाद द्वारा जीवन जीने के कारण होता है महाप्रलय

महाप्रलय कब होता है जब दुनिया में मर्यादा की कोई अस्तित्व नही रह जाती है, संस्कृति की कोई अस्तित्व नहीं रह जाती है। केवल भोगवाद द्वारा जीवन जीने लगते हैं उस समय महाप्रलय होता है। भोगवाद का मतलब है जैसे पशु, जैसे कुता, सियार, अनेको प्रकार के पशु ये अपने को यही मानते हैं कि मेरी दिनचर्या है कि कही अपने आप में भोजन कर लें। सो जाएं, संतानोत्पत्ति करें यही भोगवाद है। केवल शरीर की प्रसन्नता, शरीर की संतुष्टि में अपने द्वारा किसी भी प्रकार का व्यवहार और वर्ताव करना  मेरे शरीर और इसके आलावा दुनिया में कुछ नही होता है। इस प्रकार से जीने वाला है जीने की शैली है, प्रणाली है उसका नाम है भोगवाद।

लक्ष्मी का सदैव सदुपयोग होना चाहिए

उन्होंने कहा कि गलत तरीके से आयी लक्ष्मी उपद्रवकारी होती हैं। इन्हें संभालना मुश्किल होता है। लक्ष्मी का सदैव सदुपयोग होना चाहिए। जिस परिवार और समाज में लक्ष्मी का उपभोग होने लगता है। वहाँ एक साथ कई विकार उत्पन्न हो जाते हैं। अंततः वह पतन का कारण बनता है। स्वामी जी ने कहा कि आषाढ़ पूर्णिमा को व्यास जी का अवतरण हुआ था। इसीलिए इस तिथि को गुरु-पूर्णिमा मनाने की परम्परा है। व्यास जी को नहीं मानने वाले भी गुरु-पूर्णिमा मनाते हैं।

स्वामी जी ने कहा कि गुरु सिद्ध होना चाहिए, चमत्कारी नहीं। जो परमात्मा की उपासना और भक्ति की सिद्धि किया हो, वही गुरु है। गुरु का मन स्थिर होना चाहिए, चंचल नहीं। वाणी-संयम भी होनी चाहिए। गुरु समाज का कल्याण करने वाला हो और दिनचर्या में समझौता नहीं करता हो। गुरू भोगी-विलासी नहीं हो। उन्होंने कहा कि गुरु और संत का आचरण आदर्श होना चाहिए। जिनके दर्शन के बाद परमात्मा के प्रति आशक्ति और मन में शांति का एहसास हो, वही गुरु और संत की श्रेणी में है। गुरु दम्भी और इन्द्रियों में भटकाव वाला नहीं होना चाहिए। गुरु सभी स्थान व प्राणियों में परमात्मा की सत्ता स्वीकार करने वाला हो।

Video thumbnail
गढ़वा अतिक्रमण विवाद: विधायक सतेंद्रनाथ तिवारी ने प्रशासन पर दमन और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए #garhwa
06:39
Video thumbnail
हर हर महादेव संघ ने ठंड से ठिठुरते लोगों की ली सुधि, खुशी से लोगों ने लगाया भोलेनाथ का जयकारा
01:30
Video thumbnail
उर्सुलाइन इंग्लिश मीडियम स्कूल मुरी में क्रिसमस गैदरिंग का आयोजन किया गया
01:57
Video thumbnail
एमके इंटरनेशनल स्कूल का तृतीय वार्षिक खेल महोत्सव संपन्न: प्रतिभाओं को मिला सम्मान और प्रोत्साहन
06:44
Video thumbnail
रिटायर्ड ट्यूब कमी से साइबर ठगोंं ने 50000 ऐसे उड़ाए लेकिन बाकी पैसे उन्होंने ऐसे बचाए!
02:30
Video thumbnail
रांची : देवेंद्र नाथ महतो का आह्वान, जेपीएससी अध्यक्ष नियुक्ति के लिए कल ट्विटर अभियान
03:31
Video thumbnail
श्री बंशीधर नगर: अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर एक्शन जारी, वसूला जुर्माना, बोले..!
03:00
Video thumbnail
मेरठ :कथा वाचक प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा में मची भगदड़, कई घायल
01:08
Video thumbnail
गढ़वा पहुंची भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने स्टेज पर लगाए ठुमके,कलाकारों को ऐसा क्यों बोली सुनिए..?
28:42
Video thumbnail
श्री बंशीधर नगर : अतिक्रमण पर प्रशासन का प्रहार: बुलडोजर से हटाए गए अवैध निर्माण
05:14
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Related Articles

- Advertisement -

Latest Articles