रांची: कथित जमीन घोटाले में मनी लांड्रिंग के आरोपों के तहत रांची स्थित बिरसा मुंडा होटवार जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। इस झटका के कारण वह आगामी गांडेय विधानसभा उपचुनाव और लोकसभा चुनाव प्रचार में शामिल होंगे या नहीं होंगे इस पर सस्पेंस बरकरार है। क्योंकि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने उनके चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत फेमस स्वीकार करते हुए अगले सप्ताह बहस के लिए आने के लिए कहा है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा दोनों चाह रहे थे कि चुनाव में वे प्रचार करें। बता दें कि 20 मई को गांडेय विधानसभा उपचुनाव है जबकि 25 में को लोकसभा चुनाव है।
सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। हेमंत सोरेन भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की तरह लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत चाह रहे थे, लेकिन कोर्ट ने जमानत देने से मना कर दिया।
बता दें कि अरविन्द केजरीवाल के इसी तरह के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब देखना यह है कि केजरीवाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट से क्या फैसला आता है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जहां कई मानवीय सवाल पूछे थे, वहीं ईडी ने देश में एक गलत परम्परा जाने का हवाला देते हुए केजरीवाल की जमानत का कड़ा विरोध किया।
बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट द्वारा जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी करने पर सुप्रीम कोर्ट का रूख किया लेकिन वहां से भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा है सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रिहाई पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी को चुनौती वाली याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है।अब उसके खिलाफ आप अगले सप्ताह करें बहस।
दरअसल, हाई कोर्ट का फैसला आने में हो रही देरी को आधार बना कर हेमंत ने रिहाई की मांग की थी। बीते 3 मई को हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को सही ठहराने का आदेश दे दिया।
बता दें कि हेमंत सोरेन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के राह पर चलते हुए सुप्रीम कोर्ट की तरफ रुख किया था।सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में बंद हैं। सोरेन को ईडी की 13 दिन की हिरासत के बाद 15 फरवरी को बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल भेज दिया गया था।