Delhi Blast: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार, 10 नवंबर की शाम को लाल क़िला के पास एक तेज़ धमाके से हड़कंप मच गया। इस विस्फोट में 2 महिलाएं समेत 9 लोगों की मौत हो गई है और 24 अन्य घायल बताए जा रहे हैं। घायलों का इलाज एलएनजेपी अस्पताल में चल रहा है।
घटना के कुछ ही देर पहले का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जो जांच में अहम सुराग साबित हो सकता है। वीडियो में एक सफेद रंग की हुंडई I-20 कार को भीड़भाड़ वाले ट्रैफिक से गुजरते हुए देखा जा सकता है। ड्राइविंग सीट पर बैठे व्यक्ति ने काला मास्क पहन रखा है, और जांच एजेंसियों के अनुसार वही संदिग्ध आतंकी मोहम्मद उमर हो सकता है। पुलिस का कहना है कि उमर फरीदाबाद मॉड्यूल का हिस्सा हो सकता है। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से लखनऊ तक अभियान चलाकर 2900kg विस्फोटक (संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट) जब्त किया है। इस कार्रवाई में फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल शकील और लखनऊ से महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया गया है।
पता चला है कि जिस I-20 कार में धमाका हुआ, वह मूल रूप से मोहम्मद सलमान की थी, जिसने बाद में कार नदीम को बेची। इसके बाद कार फरीदाबाद के रॉयल कार ज़ोन नामक यूज़्ड कार डीलर को दी गई, जहाँ से इसे तारिक ने खरीदा, और अंततः यह उमर के पास पहुँची।
जांच एजेंसियों ने अब इसे एक आतंकी हमले के रूप में देखा है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार में विस्फोटक सामग्री भरी हुई थी और इसे जानबूझकर लाल क़िला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास उड़ाया गया। इंटेलिजेंस सूत्रों का कहना है कि यह हमला फिदायीन स्टाइल ऑपरेशन जैसा लगता है।
सूत्रों के मुताबिक, कार खरीदने वाला तारिक, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला बताया जा रहा है, उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। जांचकर्ता यह भी पता लगा रहे हैं कि उसका फरीदाबाद स्थित आतंकी मॉड्यूल से कोई संबंध तो नहीं है।
शुरुआती खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, कार को इलाके में लाने से पहले ही उसमें विस्फोटक रखे गए थे। शाम करीब 6:52 बजे हुए धमाके से आसपास खड़ी 6 कारें, 2 ई-रिक्शा और 1 ऑटो जल गए। चश्मदीदों के मुताबिक, धमाका इतना जोरदार था कि लपटें कई फीट ऊंचाई तक उठीं।
फिलहाल जांच एजेंसियां तकनीकी और मानवीय खुफिया स्रोतों की मदद से पूरी साजिश की कड़ियों को जोड़ने में लगी हैं।














