एजेंसी:तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू को 350 करोड रुपए के कथित कौशल विकास घोटाले के मामले में सीआईडी ने गिरफ्तार किया। उन्हें आंध्र प्रदेश सीआईडी ने शनिवार की सुबह नंदयाल से गिरफ्तार किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीआईडी ने आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम के खिलाफ वारंट जारी किया था। यह मामला 2021 में दर्ज हुआ था। चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तारी वारंट दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 50 (1) (2) के तहत जारी किया गया था।
ईडी की पूछताछ में घोटाला साबित हुआ है। 241 करोड़ का फंड शेल कंपनियों में भेजा गया था। इस मामले में पहले भी 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बताया जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू को शनिवार तड़के करीब तीन बजे गिरफ्तार करने के लिए एक टीम पहुंची थी। पुलिस की टीम जब उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची तो वहां, इकट्ठा हुए टीडीपी कैडरों ने इसका विरोध किया।
यहां तक कि एसपीजी बलों ने भी पुलिस को यह कहते हुए अनुमति नहीं दी कि वे नियमों के मुताबिक सुबह 5.30 बजे तक किसी को भी चंद्रबाबू नायडू तक पहुंचने की अनुमति नहीं दे सकते।
जिसके बाद आखिरकार, सुबह लगभग 6 बजे, चंद्रबाबू नायडू को उनके घर से नीचे बुलाया गया और गिरफ्तार किया गया। एपी डीआइजी ने उन्हें बताया कि उन्हें कौशल विकास घोटाले में गिरफ्तार किया जा रहा है।
आंध्र प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री मेरुगु नागार्जुन (Meruga Nagarjuna) ने चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम ने जनता का पैसा ‘लूटा’ है।
मेरुगु नागार्जुन ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, “कैश फॉर वोट मामले में वहां से भागने से पहले चंद्रबाबू ने हैदराबाद में लेक व्यू गेस्ट हाउस की मरम्मत के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च किए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय पर 10 करोड़ रुपये और खर्च किए। इसके अलावा उन्होंने चार्टर्ड उड़ानों के लिए 100 करोड़ रुपये और धर्म पोराता दीक्षा पर 80 करोड़ रुपये खर्च किए थे।”
इससे पहले आंध्र प्रदेश के मंत्रियों और सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेताओं ने दावा किया था कि टीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री को जल्दी गिरफ्तार किया जाएगा।