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झारखंड वार्ता न्यूज़

लद्दाख:- भारतीय चरवाहों द्वारा एलएसी (LAC) पार करने का मामला सामने आने के बाद पूरे देश में इसकी चर्चा हो रही है। मामला पूर्वी लद्दाख के चुशुल सेक्टर का है। दरअसल ये चरवाहे घूमते हुए LAC पार कर गए, जहां चीनी सैनिकों ने उन्हें रोका और वापस जाने के लिए कहा। उन्हें रोकने का प्रयास कर रहे चीनी सैनिकों पर चरवाहों द्वारा पत्थर फेंकने की भी बात सामने आई है। चीनी सैनिकों की संख्या एक दर्जन के आसपास बताई गई है, जिनके साथ तीन बख्तरबंद वाहन भी थे। कहा जा रहा है कि लद्दाख के चरवाहों से झड़प के बाद चीनी सैनिक वहां से चले गए। घटना के बाद भारतीय सेना और चीनी सेना ने मुद्दे को भड़कने से पहले उसी दिन चुशुल सेक्टर में बैठक भी की।

इस घटना का जिक्र करते हुए चुशुल के स्थानीय पार्षद कौंचूक स्टैनजिन ने मंगलवार को एक वीडियो एक्स (X) पर पोस्ट किया है। घटना 2 जनवरी की बताईं जा रही है जो पेट्रोलिंग प्वाइंट 35 और 36 के पास हुई है।

न्योमा के काउंसलर ‘इसी स्पलजैंग’ ने बताया कि ‘घटना के बाद 12 जनवरी को सरपंच, सब-डिविजनल मैजिस्ट्रेट, भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवान घटनास्थल पर पहुंचे और परिस्थिति का जायजा लिया। सर्दी के मौसम में हमें अपने मवेशियों के लिए चारागाह की तलाश में घाटियों में जाना पड़ता है। चरवाहों की चीनी सैनिकों के साथ तीखी बहस हुई और उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह क्षेत्र भारत का है और उन्हें वापस जाना चाहिए। साल 2019 में भी इस घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय चरवाहों को रोका था लेकिन हमने घाटी में अपने टेंट लगा लिए हैं। विवादित स्थल से नजदीकी भारतीय आर्मी यूनिट 6-7 किलोमीटर दूर है।’

घटना के बाद से, भारतीय सेना ने ग्रामीणों से चीनी सैनिकों के साथ टकराव से बचने के लिए एलएसी के करीब नहीं जाने का अनुरोध किया है।