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गढ़वा: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) 172 बटालियन गढ़वा के जवान पंकज कुमार चौबे और उनकी पत्नी ममता चौबे ने अपनी शादी के 15 वीं सालगिरह के अवसर पर ब्लड बैंक में रक्तदान किया। इस दौरान रक्तदाता पंकज कुमार चौबे ने कहा कि हमारे रक्तदान से किसी की जिंदगी बचती है तो इससे खुशी की बात और क्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को अपने जन्मदिन, शादी की वर्षगांठ अथवा अन्य शुभ अवसरों पर रक्तदान करना चाहिए। यह मेरा 40वां रक्तदान है जबकि ममता चौबे ने पांचवीं बार रक्तदान किये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि रक्त की कमी से अंतिम सांस गिन रहे मरीज को रक्त मिलना मेरे जीवन के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।


मौके पर उपस्थित आरपी एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉक्टर पतंजली केसरी ने कहा कि रक्तदान महादान है। रक्त बनाने की कोई मशीन नहीं होती है। इसे मानव द्वारा रक्तदान कर ही पूर्ति किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान के बारे में यह भी भ्रांतियां लोगों में रहती है कि रक्तदान के बाद शरीर कमजोर हो जाता है। रक्तदान  से शरीर में किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है। कुछ दिनों में  खुद ब खुद शरीर रिकवरी कर लेता  है। रक्तदान से शरीर स्वस्थ रहता है। डॉक्टर केसरी ने अन्य लोगों से भी इस तरह के शुभ अवसर पर रक्तदान के लिए आह्वान किया ताकि किसी भी मरीज की मौत रक्त की कमी के कारण न हो।

मौके पर डॉ. जे.पी. ठाकुर, रूपदेव सिंह, संतोष कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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