शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– पाल्हे-जतपुरा में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अरणी मंथन से अग्नि प्रज्ज्वलित कर की गई। आचार्यों ने इससे पहले अग्नि का आह्वाहन किया। अग्नि प्रकट होते ही मौजूद संत-महात्माओं, यजमानों और विद्वानों ने भगवान लक्ष्मीनारायण की जय के गगनभेदी उद्घोष से संपूर्ण यज्ञस्थल को गुंजायमान कर दिया। इसके बाद अग्नि सभी यज्ञ कुंड तक पहुंचाई गई और आहुतियों का क्रम शुरू हो गया। आयोजन स्थल स्वाहा की अनुगूंज से गूंज उठा। यज्ञ की प्रक्रिया घण्टो तक चली।
यज्ञाचार्य विजय राघव पांडेय, यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य उपेंद्र नारायण शुक्ला,श्री जीयर स्वामी जी के प्रतिनिधि आचार्य कृष्णकांत दुबे अन्य आचार्य नरसिंह नारायण शुक्ला, आचार्य गोरखनाथ पांडेय सहित 68 आचार्यों के द्वारा यज्ञशाला में विभिन्न अनुष्ठान संपन्न कराया जा रहा है। चक्राब्ज मंडल, व्युह, अष्टपदियों, सुदर्शन आदि देवताओं का आह्वान प्रतिष्ठा, षोस्ठोपचार पूजन और 78 बटुक का यज्ञोपवित्र संस्कार के बाद शेष देवताओं का आह्वान, प्रतिष्ठा, षोस्ठोपचार पूजन, कुंड पूजन के माध्यम से अग्नि स्थापन, भगवान श्रीमन्नारायण व भगवती महालक्ष्मी को आहुति प्रदान किया गया।
यज्ञ शुरू होते ही यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पूरा क्षेत्र भक्ति के सागर में डूबा हुआ है।
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देश के महान संत श्री जीयर स्वामी जी महाराज के सानिध्य में हो रहा महायज्ञ 28 अक्टूबर तक चलेगा।
108 का हुआ उपनयन संस्कार
महायज्ञ में 108 लोगों का उपनयन संस्कार भी सम्पन्न कराया गया। उपनयन को लेकर यज्ञ मंडप पर परिजन अपने-अपने बच्चों को लेकर पहुंचे थे। यहां मौजूद आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूरे विधान से संस्कार सम्पन्न कराया गया। सामुहिक उपनयन संस्कार को देखने के लिए काफी लोग मौजूद थे।
बुधवार को देवताओं का षोस्ठोपचार पूजन, कुंड पूजन, अग्नि पूजन, हवन सहित अन्य अनुष्ठान हुआ।
यज्ञशाला से अलग भगवान श्रीमन्नारायण, नारायण, नारायण व श्री लक्ष्मी नारायण, नारायण, नारायण का अनवरत अखंड कीर्तन किया जा रहा है जो 28 अक्टूबर को 10:30 बजे रात्रि तक अलग-अलग टीम द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावे मानस पाठ, अलग टीम द्वारा श्रीमते रामानुजाचार्य सहस्त्राब्दी समारोह के अवसर पर मूल मंत्र का जाप, द्वैय मंत्र का जाप आदि किया जा रहा है।
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