जमशेदपुर: जमशेदपुर अभिभावक संघ का प्रतिनिधि मंडल जिले के वरीय पुलिस कप्तान और पुलिस कप्तान को एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि
माननीय सर्वोच्य न्यायालय ने अपने रिट पिटीशन 13029/1985
व झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण द्वारा 01 अगस्त 2011 को जारी आदेश के अनुसार निजी स्कूल प्रबंधनों को अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सुरक्षित घर से स्कूल आने जाने के लिए स्कूल बस की व्यवस्था करनी है पर जमशेदपुर में एक दो स्कूलों को छोड़ किसी भी स्कूल में अपनी स्कूल
बस की व्यवस्था नहीं है ऐसे में अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के लिए
निजी स्कूली वाहन पर निर्भर करना पड़ता है जबकि इन सभी निजी स्कूली वाहन चालकों में से किसी एक का भी रिकार्ड न निजी स्कूल प्रबंधन के पास और न ही जिला प्रशासन के पास है।
वहीं अगर कोई अभिभावक अगर इस संबंध में स्कूली वाहन
चालक की खोज खबर लेना शुरू करते है या फिर किसी स्कूली वाहन चालक के
गलत कृत का विरोध करते है तो उस क्षेत्र के सभी स्कूली वाहन चालक संगठित हो उस अभिभावक और उनके बच्चे का
बहिष्कार कर देते है ऐसे में कोई
दूसरा स्कूली वाहन चालक उस बच्चे को स्कूल ले जाने से नाकार देता है। थक हार कर अभिभावक चुप बैठ जाते है, और
निजी स्कूली वाहन चालक मनमानी करते रहते है।वही बच्चीयों से दुष्कर्म जैसे अमानविय घृणित कृत वाहन चालकों (स्कूली) द्वारा किए जाने कि घटनाएं समय समय पर सामने आती रहती है।
पूर्व में भी
इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है 1) 18 सितंबर 2015-बिरसानगर में स्कूली टेपों चालक द्वारा चार वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना 2) 15 मई 2016- सोनारी में कक्षा 5 की छात्रा से वेन चालक द्वारा दुष्कर्म 3) 02/08/2018 –