शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– आज यानी 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉ दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिस तरह एक सैनिक देश की रक्षा करता है, उसी तरह डॉक्टर भी हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करते है। डॉक्टरों को हमारे समाज में एक उच्च दर्जा दिया गया है उन्हें जीवन उद्धार करता माना जाता है क्योंकि हर किसी की जिंदगी को बचाने में इनकी काफी अहम भूमिका रहती है। आमतौर पर लोग अपनी सर्विस और मस्तिष्क परेशानी लेकर चिकित्सकों के पास ही जाते हैं और चिकित्सक के पास भी लगभग हर समस्याओं का इलाज मौजूद रहता है, शायद इसीलिए चिकित्सकों को भगवान का दर्जा दिया जाता है।
डॉक्टर्स दिवस के अवसर पर खास बातचीत के दौरान श्री बंशीधर नगर अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सुचित्रा कुमारी, जंगीपुर पेट्रोल पंप स्थित जीवन हॉस्पिटल के संचालक डॉ अभिमन्यु सिंह सोनू एवं शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ निशीथ निरव ने कहां की हाल ही में पूरे देश में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा था। इनमें दुनिया भर के डॉक्टर ने अपनी जान की परवाह किए बिना पीड़ितों का इलाज किया। डॉक्टर्स के इसी योगदान और बलिदान के सम्मान में दुनिया भर में अलग-अलग तारीख को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस यानी डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है इस तिथि को डॉक्टर विधान चंद्र की जयंती के रूप में चुना गया था।
डॉक्टरों ने कहा कि एक इंसान के जीवन की शुरुआत से लेकर उसकी सुरक्षा के लिए हर पड़ाव पर एक डॉक्टर उसके साथ होता है। बच्चा जब जन्म लेता है तो डॉक्टर ही हैं जो मां के गर्भ से शिशु को दुनिया में लाते हैं। उसके बाद शिशु को रोगों से बचाने और सेहतमंद रखने के लिए जरूरी सभी जानकारी और वैक्सीनेशन आदि भी डॉक्टर की जिम्मेदारी होती है। जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसके शरीर में बदलाव शुरू होते हैं। इन सब बदलावों, समाज व लाइफस्टाइल का असर इंसान के स्वास्थ्य पर पड़ता है। एक डॉक्टर ही शारीरिक, मानसिक तकलीफ से ग्रसित इंसान के सभी दर्द और रोगों का निवारण करता है। इसलिए भारत में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है।
डॉक्टरों के इसी सेवा भाव, जीवन रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयत्नों और उनके काम को सम्मान देने के लिए हर साल जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। डॉक्टर ने कोरोणा काल में दिन-रात एक करके लोगों की जान बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि डॉक्टर कोरोना वायरस को हराने में भूमिका निभाई है।
डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया है,ये दूसरे रूप में माने जाते हैं: रंजीत पांडेय
